Monday, 14 March 2016

ایک سمے تھا جب ...

ایک سمے تھا جب
منتر
کام کرتے تھے!
اس کے بعد ایک وقت آیا جس
تنتر
کام کرتے تھے ...
پھر وقت آیا جس
ینتر
کام کرتے تھے!
اور آج کے وقت میں دکھ ہے،
صرف
شڑینتر
کام کرتے ہیں ... !!!
جب تک
ستیہ
گھر سے باہر نکلتا ہے .......!
تب تک
جھوٹ
آدھی دنیا گھوم لیتا ہے ... !!

एक समय था जब
मंत्र
काम करते थे !
उसके बाद एक समय आया जिसमें तंत्र
काम करते थे...
फिर समय आया जिसमे
यंत्र
काम करते थे !
और आज के समय में दुःख है,
सिर्फ
षड्यंत्र
काम करते है...!!!
जब तक
सत्य
घर से बाहर निकलता है.......!
तब तक
जूठ
आधी दुनिया घूम लेता है...!!

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