جمعہ کے روز غسل کی فضیلت
میں نے نبی اکرم صلی اللہ علیہ وسلم کو
فرماتے ہوئے سنا: جس نے جمعہ کے دن غسل کرایا اور خود بھی غسل کیا ۱؎، اور نماز کے لیے سویرے نکلا اور شروع خطبہ میں حاضر ہوا، بغیر سواری کے پیدل چل کر آیا، اور امام کے قریب بیٹھا، خطبہ غور سے سنا، اور کوئی لغو کام نہیں کیا، تو اسے ہر قدم کے بدلے ایک سال کے نفلی روزوں اور تہجد کا ثواب ملے گا۔
हर कदम के बदले एक साल के नफ्ली रोज़े रखने, और तहज्जुद पड़ने का सवाब इस हदीस के मुताबिक अमल करने से मिलेगा।इन्शा अल्लाह
حَدَّثَنَا أَبُو بَكْرِ بْنُ أَبِي شَيْبَةَ، حَدَّثَنَا عَبْدُ اللَّهِ بْنُ الْمُبَارَكِ، عَنْ الْأَوْزَاعِيِّ، حَدَّثَنَا حَسَّانُ بْنُ عَطِيَّةَ، حَدَّثَنِي أَبُو الْأَشْعَثِ، حَدَّثَنِي أَوْسُ بْنُ أَوْسٍ الثَّقَفِيُّ، قَالَ: سَمِعْتُ النَّبِيَّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ يَقُولُ: مَنْ غَسَّلَ يَوْمَ الْجُمُعَةِ، وَاغْتَسَلَ، وَبَكَّرَ، وَابْتَكَرَ، وَمَشَى، وَلَمْ يَرْكَبْ، وَدَنَا مِنَ الْإِمَامِ فَاسْتَمَعَ، وَلَمْ يَلْغُ، كَانَ لَهُ بِكُلِّ خَطْوَةٍ عَمَلُ سَنَةٍ أَجْرُ صِيَامِهَا وَقِيَامِهَا .
हज़रत ओस बिन सक़फ़ी रज़ि, फरमाते हे के मेने नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को फरमाते हुए सुना: जिसने जुम्मे के दिन ग़ुस्ल कराया और खुद भी ग़ुस्ल किया और नमाज़ के लिए सवेरे जल्दी निकला, और शुरू ख़ुत्बे में हाज़िर हुआ, बगैर सवारी के पैदल चल कर आया, और इमाम के क़रीब बेठा, ख़ुत्बा ग़ोर से सुना और कोई लगु काम नहीं किया, तो उसे हर कदम के बदले एक साल के नफ्ली रोज़ो और तहज्जुद का सवाब मिलेगा।
Sunan ibne maja
Hadis No.1087
इस हदीस में ग़ुस्ल कराया से मुराद, शौहर अपनी बीवी को ग़ुस्ल करने का कहे, ख़्वाह ग़ुस्ल जनाबत हो या आम ग़ुस्ल हो।
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