१-लहसुन छिला हुआ 25 gm
२-अदरक (ताज़ा) 50 gm
३-पुदीना fresh 50 gm
४-अनारदाना खट्टा 50 gm
२-अदरक (ताज़ा) 50 gm
३-पुदीना fresh 50 gm
४-अनारदाना खट्टा 50 gm
इन चारों चीज़ों को पीस कर चटनी बना लें।
और सुबह, दोपहर और शाम को एक-एक चम्मच खा लें।
पुरानी से पुरानी शुगर, यहाँ तक कि शुगर की वजह से जिस मरीज़ के जिस्म के किसी हिस्से को काटने की सलाह भी दी गयी हो तब भी ये चटनी बहुत फायदेमंद इलाज है।
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और सुबह, दोपहर और शाम को एक-एक चम्मच खा लें।
पुरानी से पुरानी शुगर, यहाँ तक कि शुगर की वजह से जिस मरीज़ के जिस्म के किसी हिस्से को काटने की सलाह भी दी गयी हो तब भी ये चटनी बहुत फायदेमंद इलाज है।
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भारत में 5 करोड़ 70 लाख से ज्यादा लोगों को डाइबटीज है और 3 करोड़ से ज्यादा को हो जाएगी अगले कुछ सालों में (सरकार ऐसा कह रही है ) , हर 2 मिनट में एक आदमी डाइबटीज से मर जाता हैं !और complications बहुत है !
किसी की किडनी खराब हो रही है ,किसी का लीवर खराब हो रहा है , किसी को paralisis हो रहा है किसी को brain stroke हो रहा है ,किसी को heart attack आ रहा है ! कुल मिलकर complications
बहुत है diabetes के !!
बहुत है diabetes के !!
मधुमेह या चीनी की बीमारी एक खतरनाक रोग है। रक्त ग्लूकोज (blood sugar level ) स्तर बढा़ हूँआ मिलता है, यह रोग मरीजों के (रक्त मे गंदा कोलेस्ट्रॉल,) के अवयव के बढने के कारण होता है। इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है।
भोजन पेट में जाकर एक प्रकार के ईंधन में बदलता है जिसे ग्लूकोज कहते हैं। यह एक प्रकार की शर्करा होती है। ग्लूकोज हमारे रक्त धारा में मिलता है और शरीर की लाखों कोशिकाओं में पहुंचता है। pancreas (अग्न्याशय) ग्लूकोज उत्पन्न करता है इनसुलिन भी रक्तधारा में मिलता है और कोशिकाओं तक जाता है।
मधुमेह बीमारी का असली कारण जब तक आप लोग नही समझेगे आपकी मधुमेह कभी भी ठीक नही हो सकती है जब आपके रक्त में वसा (गंदे कोलेस्ट्रोल) की मात्रा बढ जाती है तब रक्त में मोजूद कोलेस्ट्रोल कोशिकाओ के चारों तरफ चिपक जाता है !और खून में मोजूद जो इन्सुलिन है कोशिकाओं तक नही पहुँच पाता है (इंसुलिन की मात्रा तो पर्याप्त होती है किन्तु इससे द्वारो को खोला नहीं जा सकता है, अर्थात पूरे ग्लूकोज को ग्रहण कर सकने के लिए रिसेप्टरों की संख्या कम हो सकती है)
वो इन्सुलिन शरीर के किसी भी काम में नही आता है जिस कारण जब हम शुगर level चैक करते हैं शरीर में हमेशा शुगर का स्तर हमेशा ही बढा हुआ होता है क्यूंकि वो कोशिकाओ तक नहीं पहुंची जबकि जब हम बाहर से इन्सुलिन लेते है तब वो इन्सुलिन नया-नया होता है तो वह कोशिकाओं के अन्दर पहुँच जाता है !
अब आप समझ गये होगे कि मधुमेह का रिश्ता कोलेस्ट्रोल से है न कि शुगर से
जब सम्भोग के समय पति पत्नी आपस में नही बना कर रख पाते है या सम्भोग के समय बहुत तकलीफ होती है समझ जाइये मधुमेह हो चूका है या होने वाला है क्योकि जिस आदमी को मधुमेह होने वाला हो उसे सम्भोग के समय बहुत तकलीफ होती है क्योकि मधुमेह से पहले जो बिमारी आती वो है सेक्स में प्रोब्लम होना, मधुमेह रोग में शुरू में तो भूख बहुत लगती है। लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है। शरीर सुखने लगता है, कब्ज की शिकायत रहने लगती है। बार बार बहुत अधिक प्यास लगती है अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना शुरू हो जाती है और रोगी का वजन कम होता जाता है। शरीर में कहीं भी जख्मध्घाव होने पर वह जल्दी नहीं भरता।
तो ऐसी स्थिति मे हम क्या करें ??
राजीव भाई की एक छोटी सी सलाह है कि आप insulin पर ज्यादा निर्भर ना रहें ! क्यूंकि ये insulin डाईब्टीज से भी ज्यादा खराब है side effect इसके बहुत हैं !! तो आप ये आयुर्वेद की दवा का फार्मूला लिखिये !
और जरूर इस्तेमाल करें !!
राजीव भाई की एक छोटी सी सलाह है कि आप insulin पर ज्यादा निर्भर ना रहें ! क्यूंकि ये insulin डाईब्टीज से भी ज्यादा खराब है side effect इसके बहुत हैं !! तो आप ये आयुर्वेद की दवा का फार्मूला लिखिये !
और जरूर इस्तेमाल करें !!
100 ग्राम (मेथी का दाना )ले ले इसे धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
100 ग्राम (तेज पत्ता ) लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
150 ग्राम (जामुन की गुठली )लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
250 ग्राम (बेलपत्र के पत्ते ) लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
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तो
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तो
मेथी का दना - 100 ग्राम
तेज पत्ता ------- 100 ग्राम
जामुन की गुठली -150 ग्राम
बेलपत्र के पत्ते - 250 ग्राम
तेज पत्ता ------- 100 ग्राम
जामुन की गुठली -150 ग्राम
बेलपत्र के पत्ते - 250 ग्राम
तो इन सबका पाउडर बनाकर इन सबको एक दूसरे मे मिला लें ! बस दवा तैयार है !!
इसे सुबह -शाम (खाली पेट ) 1 से डेड चम्मच से खाना खाने से एक घण्टा पहले गरम पानी के साथ लें !!
2 से 3 महीने लगातार इसका सेवन करें !! (सुबह उठे पेट साफ करने के बाद ले लीजिये )
इसे सुबह -शाम (खाली पेट ) 1 से डेड चम्मच से खाना खाने से एक घण्टा पहले गरम पानी के साथ लें !!
2 से 3 महीने लगातार इसका सेवन करें !! (सुबह उठे पेट साफ करने के बाद ले लीजिये )
कई बार लोगो से सीधा पाउडर लिया नहीं जाता ! तो उसके लिए क्या करें ??
आधे से आधा गिलास पानी को गर्म करे उसमे पाउडर मिलाकर अच्छे से हिलाएँ !! वो सिरप की तरह बन जाएगा ! उसे आप आसानी से एक दम पी सकते है ! उसके बाद एक आधा गिलास अकेला गर्म पानी पी लीजिये !!
आधे से आधा गिलास पानी को गर्म करे उसमे पाउडर मिलाकर अच्छे से हिलाएँ !! वो सिरप की तरह बन जाएगा ! उसे आप आसानी से एक दम पी सकते है ! उसके बाद एक आधा गिलास अकेला गर्म पानी पी लीजिये !!
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अगर आप इसके साथ एक और काम करे तो सोने पे सुहागा हो जाएगा ! और ये दवा का असर बहुत ही जल्दी होगा !! जैसा कि आप जानते है शरीर की सभी बीमारियाँ वात,पित ,और कफ के बिगड़ने से होती हैं !! दुनिया मे सिर्फ दो ही ओषधियाँ है जो इन तीनों के सतर को बराबर रखती है !!
एक है गौ मूत्र , दूसरी है त्रिफला चूर्ण !!
अब आप ठहरे अँग्रेजी मानसिकता के लोग ! गौ मूत्र का नाम सुनते ही आपकी नाक चढ़ गई होगी !!
और हमारी मजबूरी ये है कि आपको गौ मूत्र का महत्व बताना हो तो हमको अमेरिका का उदाहरण देना पड़ेगा !
और हमारी मजबूरी ये है कि आपको गौ मूत्र का महत्व बताना हो तो हमको अमेरिका का उदाहरण देना पड़ेगा !
क्यूंकि अंग्रेज़ मेकोले के बनाए indian education system मे पढ़ कर आपकी बुद्धि ऐसी हो गई है कि
आपको सिर्फ अमेरिका(अंग्रेज़ो ) द्वारा किये गए काम मे ही विश्वास होता है ! आपको कहीं ना कहीं लगता ये अमरीकी बहुत समझदार जो करते है सोच समझ के करते हैं !!
आपको सिर्फ अमेरिका(अंग्रेज़ो ) द्वारा किये गए काम मे ही विश्वास होता है ! आपको कहीं ना कहीं लगता ये अमरीकी बहुत समझदार जो करते है सोच समझ के करते हैं !!
तो खैर आपकी जानकरी के लिए बता दूँ कि अमेरिका ने गौ मूत्र पर 6 पेटेंट ले लिए हैं !! उसको इसका महत्व समझ आने लगा है !! और हमारे शास्त्रो मे करोड़ो वर्षो पहले से इसका महत्व बताया है ! लेकिन गौ मूत्र का नाम सुनते हमारी नाक चढ़ती है !
खैर जिसको पीना है वो पी सकता है ! गौ मूत्र बिलकुल ताजा पिये सबसे बढ़िया !! बाहरी प्रयोग के लिए जितना पुराना उतना अच्छा है लेकिन पीने के लिए ताजा सबसे बढ़िया !! हमेशा देशी गाय का ही मूत्र पिये (देशी गाय की निशानी जिसकी पीठ पर हम्प होता है ) ! 3 -4 घंटे से अधिक पुराना मूत्र ना पिये !!
और याद रखे गौ मूत्र पीना है अर्क नहीं ! आधे से एक सुबह सुबह कप पिये ! सारी बीमारियाँ दूर !
और याद रखे गौ मूत्र पीना है अर्क नहीं ! आधे से एक सुबह सुबह कप पिये ! सारी बीमारियाँ दूर !
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अब बात करते हैं त्रिफला चूर्ण की !
त्रिफला अर्थात तीन फल !
कौन से तीन फल !
1) हरड़ (Terminalia chebula)
2) बहेडा (Terminalia bellirica)
3) आंवला (Emblica officinalis)
2) बहेडा (Terminalia bellirica)
3) आंवला (Emblica officinalis)
एक बात याद रखें इनकी मात्रा हमेशा 1:2:3 होनी चाहिए ! 1 अनुपात 2 अनुपात 3 !
बाजार मे जितने भी त्रिफला चूर्ण मिलते है सब मे तीनों की मात्रा बराबर होती है ! बहुत ही कम बीमारियाँ होती है जिसमे त्रिफला बराबर मात्रा मे लेना चाहिए !!
इसलिए आप जब त्रिफला चूर्ण बनवाए तो 1 :2 colonthree emoticon मे ही बनवाए !!
इसलिए आप जब त्रिफला चूर्ण बनवाए तो 1 :2 colonthree emoticon मे ही बनवाए !!
सबसे पहले हरड़ 100 ग्राम , फिर बहेड़ा 200 ग्राम और अंत आंवला 300 ग्राम !!
इन तीनों को भी एक दूसरे मे मिलकर पाउडर बना लीजिये !! और रात को एक से डेड चमच गर्म पानी के साथ प्रयोग करें !!
इन तीनों को भी एक दूसरे मे मिलकर पाउडर बना लीजिये !! और रात को एक से डेड चमच गर्म पानी के साथ प्रयोग करें !!
सीधा पाउडर लिया नहीं जाता ! तो उसके लिए क्या करें ??
आधे से आधा गिलास पानी को गर्म करे उसमे पाउडर मिलाकर अच्छे से हिलाएँ !! वो सिरप की तरह बन जाएगा ! उसे आप आसानी से एक दम पी सकते है ! उसके बाद एक आधा गिलास अकेला गर्म पानी पी लीजिये !!
आधे से आधा गिलास पानी को गर्म करे उसमे पाउडर मिलाकर अच्छे से हिलाएँ !! वो सिरप की तरह बन जाएगा ! उसे आप आसानी से एक दम पी सकते है ! उसके बाद एक आधा गिलास अकेला गर्म पानी पी लीजिये !!
सावधानियाँ !!
चीनी का प्रयोग कभी ना करें और जो sugar free गोलियां का तो सोचे भी नहीं !!
गुड़ खाये , फल खाये ! भगवान की बनाई गई को भी मीठी चीजे खा सकते हैं !!
रात का खाना सर्यास्त के पूर्व करना होगा !! मतलब सूर्य अस्त के बाद भोजन ना करें
गुड़ खाये , फल खाये ! भगवान की बनाई गई को भी मीठी चीजे खा सकते हैं !!
रात का खाना सर्यास्त के पूर्व करना होगा !! मतलब सूर्य अस्त के बाद भोजन ना करें
ऐसी चीजे ज्यादा खाए जिसमे फाइबर हो रेशे ज्यादा हो, High Fiber Low Fat Diet घी तेल वाली डायेट कम हो और फाइबर वाली ज्यादा हो रेशेदार चीजे ज्यादा खाए। सब्जिया में बहुत रेशे है वो खाए, डाल जो छिलके वाली हो वो खाए, मोटा अनाज ज्यादा खाए, फल ऐसी खाए जिनमे रेशा बहुत है ।
आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !!
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और जो चीनी खाते है वो तो जरूर click कर देखें !!
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