यूपी के 9 जिले सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में हैं। कानपुर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, बलरामपुर, फतेहपुर, संतकबीरनगर, कन्नौज, बांदा और गाजीपुर से हिंसक झड़पों की खबर है। इस हिंसा में सिद्धार्थनगर और कन्नौज में दो लोगों की जान चली गई। कानपुर में दो पुलिसवालों को गोली लगी है और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। कानपुर में हिंसा करने के मामले में पुलिस ने फजलगंज, सीसामऊ, नौबस्ता और चमनगंज थाने में करीब 20 नामजद और 2000 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दर्जनभर लोग अभी तक गिरफ्तार भी किए गए हैं।
क्या हुआ कानपुर में?
शहर में कथित तौर पर धार्मिक बैनर फाड़ने और कुछ लोगों के मुहर्रम का जुलूस रोकने के एलान करने के बाद शुक्रवार देर शाम शुरू हुई हिंसा शनिवार को भी जारी रही। शनिवार सुबह से कहीं पथराव तो कहीं फायरिंग की खबरें सामने आईं। गाड़ियों में आग लगा दी गई। शहर में धारा-144 लागू होने के बावजूद हालात बेकाबू हो गए। मंडनपुरवा के चंद्रिका देवी इलाके में इंस्पेक्टर डीके सिंह और आरआई एमपी शर्मा को दंगाइयों की चलाई गोली लग गई। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले और रबड़ बुलेट दागे। पथराव और तोड़फोड़ में कई घायल हो गए। कानपुर के डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा है जल्द ही सब कुछ काबू में होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। जिन पुलिसवालों को गोली लगी, अब वे सुरक्षित हैं।
क्या हुआ सिद्धार्थनगर में?
सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ में शनिवार को मंदिर के सामने से ताजिया जुलूस निकालने के दौरान हिंसा भड़क गई। इसके बाद कई दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। घटना में गंभीर रूप से घायल 60 साल के सूर्य लाल अग्रहरी की अस्पताल में मौत हो गई। हिंसा में दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है।
क्या हुआ कन्नौज में?
कन्नौज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर गुरुवार को भड़की हिंसा शनिवार को भी जारी रही। शुक्रवार शाम को फायरिंग में एक युवक की मौत के बाद हिंसा और भड़क उठी थी। शनिवार को यहां रुक-रुककर झड़प, पथराव और आगजनी के मामले सामने आए। पूरे शहर में तनाव बना हुआ है।
क्या हुआ बलरामपुर में?
शहर के पचपेड़वा कस्बे में गुरुवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक शख्स की घर में घुसकर की गई पिटाई के बाद तनाव का माहौल था। शनिवार को यह तनाव हिंसा में बदल गई। हिंसा उस वक्त भड़क उठी, जब कुछ लोगों ने ताजिया विसर्जन के दौरान पथराव कर दिया। पुलिस को हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
क्या हुआ कुशीनगर में?
कुशीनगर जिले के कसया में शनिवार को दुर्गा प्रतिमा पंडाल के सामने से ताजिया निकालने को लेकर विवाद हो गया। रास्ता संकरा होने की वजह से दुर्गा प्रतिमा पंडाल कटवाकर जुलूस का रास्ता निकाला गया। जानकारी के मुताबिक, यहां से यहां से ताजिया निकालने की परमीशन ही नहीं थी। दो पक्ष आमने-सामने आ गए। पथराव शुरू हो गया। मौके पर पहुंची फोर्स ने लाठियां भांजकर किसी तरह हालात को काबू में किया। आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हैं। पुलिस और पीएसी तैनात की गई है।
क्या हुआ फतेहपुर में?
सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के मंडवा गांव में गुरुवार को देवी प्रतिमाएं निकालने को लेकर दो गुटों के बीच बवाल हो गया था। शनिवार को मुहर्रम और विसर्जन जुलूस के आमने-सामने पहुंचने पर किसी ने पत्थरबाजी कर दी। इसके बाद हिंसा भड़क गई। लोगों ने कुछ घरों और गाड़ियों में आग लगा दी। फायरिंग और पथराव में दर्जन भर लोग घायल हो गए।
क्या हुआ गाजीपुर में?
गाजीपुर के जमानियां तहसील के पचोखर में शनिवार को ताजिया का जुलूस निकाले जाने के वक्त दो समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए। हालात काबू करने के लिए कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। एक समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि ताजिया के जुलूस में कुछ युवकों ने देश विरोधी नारे लगाए। इसी बात पर मारपीट शुरू हो गई। हालांकि, पुलिस ने नारेबाजी की वजह से हिंसा भड़कने को खारिज किया है।
क्या हुआ संतकबीरनगर में?
संतकबीर नगर जिले के खलीलाबाद में मुहर्रम का जुलूस मंदिर के रास्ते ले जाने को लेकर शुक्रवार रात बवाल हो गया था। भीड़ के पथराव में चार पुलिसवाले घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया है।
क्या हुआ बांदा में?
बांदा जिले के अतर्रा में शुक्रवार शाम दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भीड़ कंट्रोल कर रहे सिपाही की लाठी से मूर्ति टूटने के बाद बवाल हो गया। सिपाही सहित सीओ और कोतवाली प्रभारी के माफी मांगने के बावजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। वे पुलिस पर पथराव करने लगे। इसमें सीओ अर्तरा और एसडीएम गंभीर रूप से घायल हो गए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान मची भगदड़ में कई लोगों को चोटें आईं।
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