Friday, 22 January 2016

स्मृति मल्होत्रा से स्मृति ईरानी तक सफर

दिल्ली से एक 12वीं पास लड़की मॉडलिंग करने के लिए मुम्बई जाती है। खूब स्ट्रगल करती है। उसे रेस्टोरेंटरेन्ट में काम तक करना पड़ता है। पेइंग गेस्ट बनकर रहती है। इसी दौरान एक अमीर पारसी लड़की उसकी ख़ास दोस्त बन जाती है। पारसी दोस्त उसे कहती है की हमारा पॉलीहिल बांद्रा में विशाल बंगला है तुम ऊपर आकर आराम से रहो और हमारे घर खाना भी खा सकती हो। वो पंजाबी लड़की अपना बोरिया बिस्तर लेकर अपनी पारसी सहेली के विशाल खानदानी बंगले में रहने चली जाती है। वहाँ उसे पता चलता है की ये पारसी कोई मामूली नही बल्कि फ़िरोज़ शाह गोदरेज का भांजा है और टाटा खानदान में इसकी बहन ब्याही है और गोवा मुम्बई नवसारी अहमदाबाद में कई हजार करोड़ की प्रोपर्टीज है। फिर वो अपनी उसी सहेली के पति पर डोरे डालने लगती है जिसने उसे सड़क से उठाकर अपने घर में शरण दी थी। अब पुरुषो को क्या दोष दे? कुत्ते और पुरुषो के यौन स्वाभाव में कोई फर्क नही होता। वो पारसी रूप जाल में फंस गया और उसने अपनी पत्नी को तलाक देकर उस पंजाबी अभिनेत्री से शादी कर ली। उस सहेली को अपने ही घर से निकलना पड़ा। अब जब ऐसी महिला टीवी पर भारतीय संस्कृति पर बड़ी बड़ी बाते करती है तो सच में ऐसा लगता है जैसे खुद सनी लियोन वट सावित्री की कथा सुना रही हो
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मोना ईरानी (जो कि स्मृति ईरानी की मॉडल कोऑर्डिनेटर थी) ने स्मृति ईरानी को अपने घर में जगह दी जब स्मृति के पास काम और पैसा नहीं था। मोना और स्मृति में अच्छी दोस्ती थी आपको इसके कई प्रमाण मिल जायेंगे।
चाहे तो सर्च कर ले। मुम्बई लोकल न्यूज़ में 2001-2003 तक ये किस्सा चर्चा में रहा था।
~~~~~~~~~तथ्य~~~~~~~~~~
अब आप अगर स्मृति ईरानी को पारसी समझ रहे है तो जान ले वो पंजाबी बामण है। इसलिए गीता वाले मुद्दे और IIT अंबेडकर पेरियार ग्रुप पर इतने विवाद हुए।
BJP में स्मृति का कार्यकाल हमेशा ही विवादों में रहा, एक अयोग्य को सिर्फ उसकी पॉपुलैरिटी के चलते HRD मंत्रालय तक दे दिया गया। जिसका हर्जाना आज हम एक होनहार स्कॉलर के आत्महत्या के लिए मजबूर किये जाने के रूप में देख रहे है।
जिसने सहारा दिया, जब इसने उसी को नहीं बख्शा तो आप और मैं क्या चीज है। अब वक्त है जागे और हिन्दुवाद के खिलाफ उठ खड़े हो। हिन्दुवाद में हम सिर्फ शुद्र ही होंगे, क्योंकि इतिहास खुदको दोहराता है।
जय भीम जय भारत

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