Wednesday 20 January 2016

कट्टर हिन्दू संगठन के 50 ट्रेनिंग कैंप

मेरठ देश की राजधानी के बाहरी इलाके और उत्तराखंड के बॉर्डर तकहिन्दू स्वाभिमान सेना ट्रेनिंग देकर अपनी धर्म सेना के कुनबे को इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई छेड़ने के नाम पर बढ़ा रही है। इनका मानना है कि आईएस 2020 तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अपने कब्जे में ले लेगा। हिन्दू स्वाभिमान सेना के नेताओं ने दावा किया कि 15,000 सैनिक पहले से ही अपनी सुरक्षा और आस्था के लिए मरने को तैयार हैं।टाइम्स ऑफ इंडिया की एक टीम ने एक हफ्ते में इनके चार कैंपों का दौरा किया। ये कैंप सांप्रदायिक रूप से बेहद संवेदनशील पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैले हैं। इस संगठन की लिस्ट में बच्चों को भी शामिल किया गया है। कुछ की तो उम्र महज आठ साल हो रही है। सभी को तलवार और बंदूक चलाने की शिक्षा दी जा रही है।गाजियाबाद जिले के डासना स्थित एक मंदिर में इस संगठन का हेडक्वॉर्टर है और इसकेनेता यहीं मिलते हैं। इन नेताओं ने दावा किया कि इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। इनके 50 ट्रेनिंग कैंप हैं जिनमें कुछ गुप्त हैं और अन्य बमहेता, रोरी में चल रहे हैं। यहां खुलेयाम पुरुषों, महिलाओं, लड़के, लड़कियों को ट्रेनिंग दी जा रही है।मेरठ सिटी में इनके तीन कैंप चल रहे हैं और अकेले मुजफ्फरनगर में इनके पांच कैंप हैं। विश्व हिन्दू परिषद और दुर्गा वाहिनी के अलावाहिन्दू स्वाभिमान के नेता चेतन शर्मा ने टीओआई से कहा, ‘हमारे लक्ष्य सरल हैं- युवाओं को पकड़ो। हम पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कम से कम 50 ट्रेनिंग सेंटर चला रहेहैं। हमारे छात्रों की उम्र 8 से 30 साल के बीच की है। हम बच्चों को सीधे तलवार और बंदूक नहीं देते हैं। पहले 6 महीने तक हम इन्हें मानसिक प्रशिक्षण देते हैं। हम इन्हें गीता के छंदों को सिखाते हैं। हिन्दुओं को मौत से डर नहीं लगता क्योंकि वह फिर से जन्म लेता है। यहां बच्चे बहुत निडर हैं।’ आठ साल की सीमा कुमारी (बदला हुआ नाम) ने कहा, ‘हम युद्ध सीख रहे हैं क्योंकि हमारी माताएं और बहनें संकट में हैं। अपनी सुरक्षा के साथ-साथ मैं उनकी भी रक्षा करूंगी।’एक 9 साल के बच्चे ने अपनी भावनाओं को बड़ी मजबूती के साथ कहा, ‘सरकारें विफल रही हैं इसलिए हम हथियार उठाने पर बेबस हैं। भारत में आतंकियों के हमले के चलते हिन्दू स्वाभिमान को युवाओं के मन को भ्रमित करने का अवसर मिलता है। मोदीनगर के पास रोरी गांव के हिन्दू स्वाभिमान कैंप में भूतपूर्व सैनिक परमिंदर आर्य बच्चों कोट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी ट्रेनिंग सिंपल है। हम भारत में आतंकी गतिविधियों को लेकर बच्चों को बताते हैं। बच्चों के बीच पठानकोट में आतंकी हमले को लेकर खूब चर्चा की गई है।’परमिंदर आर्य ने कहा, ‘वे इस्लामिक कट्टरता का बदसूरत चेहरा दिखा रहे हैं। ये हिन्दुओं के लिए खतरा हैं। आर्मी के दिनों में मैं कश्मीर में पोस्टेड था।आधी इंडियन आर्मी घाटी में तैनात है लेकिन ये अभी तक कश्मीरी पंडितोंके पलायन नहीं रोक सके। ये ऐसी कुछ चीजें हैं जिन्हें खुद से ही करना होगा।’ ये सारी चीजें प्रशासन की नाक के नीचे घटित हो रही हैं लेकिन मेरठ जोन के आईजी आलोक शर्मा का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की ऐक्टिविटी को लेकर उन्हें कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंनेकहा कि वह इस मामले को निश्चित तौर पर देखेंगे।पूर्व पेशेवर पहलवान औरमार्शल आर्टिस्ट अनिल यादव गाजियाबाद के बमहेता में एक अखाड़ा चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि काम अभी बंद नहींहोगा चाहे जो हो जाए। उन्होंने कहा कि हमलोग ज्यादातर कैंपों में अखाड़ा चला रहे हैं और यह अवैध नहीं है। अनिल ने कहा, ‘हालांकि हमलोग कुछ कैंपों को गोपनीय तरीके से चलाने को प्राथमिकता देते हैं। हम नहीं चाहते कि पुलिस उन्हें बंद कर दे। मेरे स्टूडेंट्स कठोर व्यवस्था का पालन करते हैं। ये सभी मार्शल आर्ट में ट्रेंड हैं। इन्हें बंदूक चलाने की भी ट्रेनिंग दी जाती है। यदि एक बच्चा जानना चाहता है कि बंदूक कैसे चलती है तो हमलोग उसे ट्रेंड करते हैं। 6 महीने के भीतर स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग पूरी हो जाती है और वे फिर अपना ट्रेनिंग कैंप शुरू कर देते हैं। दो सालों के भीतर हमलोगों ने 15,000 बच्चों को ट्रेनिंग दी है। कल्पना कीजिए कि पांच सालों के भीतर हम कितना कुछ पा लेंगे।हिन्दू तपस्वी स्वामी नरसिंघानंद का विचार इनके लिए अहम है। मंदिर के सामने एक बोर्ड लगा है और उस पर लिखा है, ‘यह तीर्थ हिन्दुओं का पवित्र स्थल है। मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है। आदेश महंत बाबा नरसिंघानंद सरस्वती। एक दीपक त्यागी नाम के शख्स ने बताया, ‘1995 तक सरस्वती समाजवादी पार्टी के सदस्य थे। वह मुलायम सिंह के बड़े प्रशंसक थे। 20 साल पहले उनके समुदाय की एक महिला ने सेक्स रैकेट के मामले में खुदकुशी की थी। इस वाकये के बाद से इनकी निष्ठा बदली और एक तपस्वी हो गए। आज इनके हीरो वीर सावरकर हैं जिन्होंने 1923 में हिन्दुत्व टर्म को उछाला। अखिल भारत हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की विवादित टिप्पणी से पश्चिम बंगाल के मालदा में हिंसा भड़क गई थी। तिवारी भी सरस्वती का ही स्टूडेंट रहा है। सरस्वती का मानना है कि उत्तर प्रदेश में दारुलउलूम देवबंद का वैचारिकरूप से इस्लामिक स्टेट की तरह है। आईएस के खिलाफ उनकी लड़ाई शुरू हो गई है।इस्लामिक स्टेट के प्रति अपनी नफरत को जाहिर करते हुए सरस्वतीने कहा, ‘मेरा मानना है कि इस्लामिक स्टेट के अतिवाद का जवाब हिन्दुओं को भी देना चाहिए। आईएसआईएस का जवाब हम एक हिन्दू स्टेट से ही दे सकते हैं। हमलोग चाहते हैं कि उनके खिलाफ अतिवाद के लेवल तक हम भी पहुंचकर आग का जवाब आग से दें। मेरा मतलब यह नहीं है कि हम कोई आर्गेनाइजेशन बनाएं लेकिन हिन्दुओं की मदद हमारी मुख्य चिंता है। हम इसे जल्द ही हासिल करेंगे। हमलोग के पास पिस्टल है और उनके पास रॉकेट लॉन्चर है। हमें अच्छे हथियारों की जरूरत है ताकि हम अपनी आर्मी को अच्छी ट्रेनिंग दे सकें। आईएसइसलिए बड़ा बना क्योंकिलोकल बिजनस नेता इनकी मदद करते हैं। ऐसे में देश भर के हिन्दुओं को भी हमारी मदद करनी चाहिए।सरस्वती ने कहा, ‘हमने जनसपंर्क अभियान शुरू किया है। हर महीने हमलोग दो पंचायतों को संबोधित कर रहे हैं। एक पंचायत में मैंने अपने हिन्दू शेरों से कहा कि आप सब बहादुर बनिए और अपने हथियारों को हमेशापास में रखिए। मुजफ्फरनंगर दंगों के दौरान हमलोगों ने हिन्दुओं के हथियार उठाने को कहा था। जिन नेताओं ने हिन्दुओं को बचाने का दावा किया वे सब झूठे हैं।’ उन्होंने दीवार पर लिखे एक नारे को पढ़कर सुनाया- हिन्दू शेरों, शान से जीना है तो शान से मरना सीखो। मैं अपने लोगों को युद्ध के लिए तैयार कर रहा हूं। आने वाले वक्त में न तो राज्य सरकार और न ही नरेंद्र मोदी सिविल वॉर को रोक पाएंगे। अपने लोगों सुरक्षा के लिए लड़ते हुए मर जाना ज्यादा अच्छा है।देवबंद पर हिन्दू स्वाभिमान की प्रतिक्रिया के बारे में दारुल उलूम देवंबद के वाइस चांसलर मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने कहा, ‘हमारा दरवाजा हमेशा खुला रहता है। यहां कोई भी आकर देख सकता है। हमारी सारी चीजें खुली किताबों की तरह हैं।’
साभार: नवभारतटाइम्स
NBT: खतरनाक: पश्चिम यूपी में कट्टर हिन्दू संगठन के 50 ट्रेनिंग कैंप
http://navbharattimes.indiatimes.com/state/uttar-pradesh/meerut/15000-strong-dharma-sena-in-Uttar-Pradesh-readies-for-war-with-Islamic-State/articleshow/50647423.cms?utm_source=NBT&utm_medium=whatsapp&utm_campaign=onpagesharing via @navbharat

No comments:

Post a Comment