Saturday, 3 October 2015

इसी का नाम मियाँ भाई!

ना पढ़ाई ना लिखाई 
ईसी का नाम मियाँ भाई,
दसवी में हो गए दस बार फेल,
खेलते रहते है ये किकेट का खेल,
इसका सिर फोडा
उस से की लङाई,
इसी का नाम मियाँ भाई!
फैशन इनसे सारे करवा लो,
तरह तरह के बाल बनवा लो, इनके दोस्त है टेलर और नाई , इसी का नाम मियाँ भाइ !
फालतू ये फिरते रहेते है ,
हर किसी से भिड़ंते रहते है
, जहाँ देखा फटा पजामा
उसमें अपनी टागँ अङाई,
ईसी का नाम मियाँ भाई !
दिन काटा फालतू बैठकर,
रात यारो के साथ बिताई,
खुद से कया दुश्मनी भाई,
अब तो सो जाआ॓ मियाँ भाई !
कमाते है जितने नोट ,
आधे की कर लेते है गोट ,
घर में भूखे बच्चे और लुगाई,
ईसी का नाम मियाँ भाई !
घर का कचरा सड़क पर फैके आते जाते को नही देखें ,
जिन पर गिरता है कचरा
नीचे से दता है दुहाई,
अरे अधां है कया मियाँ भाई !
घुमने चलेगें सारे दोस्त ,
खुब उडाएगें मिलके मौज,
गाडी तो है मेरे पास ,
पेट्रौल के लिए कर लो उगाही ,दस दस रु निकालो मेरे भाई !
ईने कह दो अब तो सुधर जाएँ ,थोड़ी सी खुद में ईनसानीयत लाएँ,
कब तक सहोगे जग हसाँई ,
अब तो सुधर जाऔ मियाँ भाई

No comments:

Post a Comment