A recent photograph of some Hindu Protesters demanding a ban on non-vegetarian food made me sit and take notice on vedaas. I believe that these protesters are ignorant of what their religion preaches.They are simply going against their own religious scriptures.
ANSWERS FROM HINDUS SCRIPTURE.
Manusmriti
chapter 5 verse30
:"It is not sinful to eat meat of eatable animals,for God has created both the eaters and the eatables".
Aapastanba Grishsutram(1/3/10):
says,"The cow should be slaughtered on the arrival of a guest, on the occasion of 'Shraaddha of ancestors and on the occasion of a marriage".
Rigveda (10/85/13):declares "On the occasion of a girls marriage oxen and cows are slaughtered".
Rigveda (6/17/1) : states that, "Indra used to eat the meat of cow, calf, horse and buffalo".
Vashishta Dharmasutra (11/34):says,If a Brahmin refuses to eat the meat offered to him on the occasion of ,'Shraaddha' he goes to hell".
Hinduisms great propagator Swami Vivekaanand said thus: "You will be surprised to know that according to ancient Hindu rite and rituals, a man cannot be a good Hindu who does not eat beef ".
(The complete works of Swami Vivekanand vol :3/5/36)
"The book The history and culture of the indian people" published by Bharatiya vidya bhawan,bombay and edited by renowned historian R C Majumdar (vol 2 ,page 18 says)This is said in the mahabharata that "king Ratinder used to kill 2000 other animals in addition to 2000 cows daily in order to give their meat in charity".
Aadi shankaraachaarya commentary on Brahadaranyako panishad 6/4/18 says:'Odaan' rice mixed with meat is called 'maansodan' on being asked whose meat it should be, he answers 'Uksha' is used for an ox, which is capable to produce semen.
हिन्दू धार्मिकग्रंथ मांसाहार की अनुमति देते हैं बहुत से हिन्दू शुद्ध शाकाहारी हैं। उनका विचार है कि मांस-सेवन धर्म विरूद्ध है। परंतु सत्य यह है कि हिन्दू धर्म ग्रंथ इंसान को मांस खान की इजाज़त देते हैं। ग्रंथों में उन साधुओं और संतों का वर्णन है जो मांस खाते थे।
(क) हिन्दू कानून पुस्तक मनुस्मृति के अध्याय 5 सूत्र 30 में वर्णन है कि - ''वे जो उनका मांसखाते हैं जो खाने योग्य हैं, कोई अपराध नहीं करते है, यद्यपि वे ऐसा प्रतिदिन करते हों क्योंकि स्वयं ईश्वर ने कुछ को खाने और कुछ को खाए जाने के लिए पैदा किया है।''
(ख) मनुस्मृति में आगे अध्याय 5 सूत्र 31 में आता है - ''मांस खाना बलिदान के लिए उचित है, इसे दैवी प्रथा के अनुसार देवताओं का नियम कहा जाता है।'' (ग) आगे अध्याय 5 सूत्र 39 और 40 में कहा गया है कि - ''स्वयं ईश्वर ने बलि के जानवरों को बलि के लिए पैदा किया, अत: बलि के उद्देश्य से की गई हत्या, हत्या नहीं।'' महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 88 में धर्मराज युधिष्ठिर और पितामह भीष्म के मध्य वार्तालाप का उल्लेख किया गया है कि कौनसे भोजन पूर्वजों को शांति पहुँचाने हेतु उनके श्राद्ध के समय दान करने चाहिए। प्रसंग इस प्रकार है- ''युधिष्ठिर ने कहा, ''हे महाबली !मुझे बताइए कि कौन-सी वस्तु जिसको यदि मृत पूर्वजों को भेंट की जाए तो उनको शांति मिलेगी ? कौन-सा हव्य सदैव रहेगा ? और वह क्या है जिसको यदि पेश किया जाए तोअनंत हो जाए ?ÓÓ भीष्म ने कहा, ''बात सुनो, ऐ युधिष्ठिर कि वे कौन-सी हवि हैं जो श्राद्ध रीति के मध्य भेंट करना उचित हैं। और वे कौन से फल हैं जो प्रत्येक से जुड़ें है? और श्राद्ध के समय शीशम बीज, चावल, बाजरा, माश, पानी, जड़ और फल भेंट किया जाए तो पूर्वजों को एक माह तक शांति रहती है। यदि मछली भेंट की जाएँ तो यह उन्हें दो माह तक राहत देती है। भेड़ कामांस तीन माह तक उन्हें शांति देता है। $खरगोश का मांस चार माह तक, बकरी का मांस पाँच माह और सूअर का मांस छह माह तक, पक्षियों का मांस सात माह तक, 'प्रिष्टाÓ नाम के हिरन के मांस से वे आठ माह तक और ''रूरूÓÓ हिरन के मांस से वे नौ माह तक शांति में रहतेहैं। त्रड्ड1ड्ड4ड्डंके मांस से दस माह तक, भैंस के मांस से ग्यारह माह और गौ मांस से पूरे एक वर्ष तक। पायस यदि घी में मिलाकर दान किया जाए तो यह पूर्वजों के लिए गौ मांस की तरह होता है। बधरीनासा (एक बड़ा बैल) के मांस से बारह वर्ष तक और गैंडे का मांस यदि चंद्रमा के अनुसार उनको मृत्यु वर्ष पर भेंट किया जाए तो यह उन्हें सदैव सुख-शांति में रखता है। क्लास्का नाम की जड़ी-बूटी, कंचना पुष्प की पत्तियाँ और लाल बकरी का मांस भेंट किया जाए तो वह भी अनंत सुखदायी होता है। अत: यह स्वाभाविक है कि यदि तुम अपने पूर्वजों को अनंत सुख-शांति देना चाहते हो तों तुम्हें लाल बकरी का मांस भेंट करना चाहिए।
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Manusmriti
chapter 5 verse30
:"It is not sinful to eat meat of eatable animals,for God has created both the eaters and the eatables".
Aapastanba Grishsutram(1/3/10):
says,"The cow should be slaughtered on the arrival of a guest, on the occasion of 'Shraaddha of ancestors and on the occasion of a marriage".
Rigveda (10/85/13):declares "On the occasion of a girls marriage oxen and cows are slaughtered".
Rigveda (6/17/1) : states that, "Indra used to eat the meat of cow, calf, horse and buffalo".
Vashishta Dharmasutra (11/34):says,If a Brahmin refuses to eat the meat offered to him on the occasion of ,'Shraaddha' he goes to hell".
Hinduisms great propagator Swami Vivekaanand said thus: "You will be surprised to know that according to ancient Hindu rite and rituals, a man cannot be a good Hindu who does not eat beef ".
(The complete works of Swami Vivekanand vol :3/5/36)
"The book The history and culture of the indian people" published by Bharatiya vidya bhawan,bombay and edited by renowned historian R C Majumdar (vol 2 ,page 18 says)This is said in the mahabharata that "king Ratinder used to kill 2000 other animals in addition to 2000 cows daily in order to give their meat in charity".
Aadi shankaraachaarya commentary on Brahadaranyako panishad 6/4/18 says:'Odaan' rice mixed with meat is called 'maansodan' on being asked whose meat it should be, he answers 'Uksha' is used for an ox, which is capable to produce semen.
हिन्दू धार्मिकग्रंथ मांसाहार की अनुमति देते हैं बहुत से हिन्दू शुद्ध शाकाहारी हैं। उनका विचार है कि मांस-सेवन धर्म विरूद्ध है। परंतु सत्य यह है कि हिन्दू धर्म ग्रंथ इंसान को मांस खान की इजाज़त देते हैं। ग्रंथों में उन साधुओं और संतों का वर्णन है जो मांस खाते थे।
(क) हिन्दू कानून पुस्तक मनुस्मृति के अध्याय 5 सूत्र 30 में वर्णन है कि - ''वे जो उनका मांसखाते हैं जो खाने योग्य हैं, कोई अपराध नहीं करते है, यद्यपि वे ऐसा प्रतिदिन करते हों क्योंकि स्वयं ईश्वर ने कुछ को खाने और कुछ को खाए जाने के लिए पैदा किया है।''
(ख) मनुस्मृति में आगे अध्याय 5 सूत्र 31 में आता है - ''मांस खाना बलिदान के लिए उचित है, इसे दैवी प्रथा के अनुसार देवताओं का नियम कहा जाता है।'' (ग) आगे अध्याय 5 सूत्र 39 और 40 में कहा गया है कि - ''स्वयं ईश्वर ने बलि के जानवरों को बलि के लिए पैदा किया, अत: बलि के उद्देश्य से की गई हत्या, हत्या नहीं।'' महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 88 में धर्मराज युधिष्ठिर और पितामह भीष्म के मध्य वार्तालाप का उल्लेख किया गया है कि कौनसे भोजन पूर्वजों को शांति पहुँचाने हेतु उनके श्राद्ध के समय दान करने चाहिए। प्रसंग इस प्रकार है- ''युधिष्ठिर ने कहा, ''हे महाबली !मुझे बताइए कि कौन-सी वस्तु जिसको यदि मृत पूर्वजों को भेंट की जाए तो उनको शांति मिलेगी ? कौन-सा हव्य सदैव रहेगा ? और वह क्या है जिसको यदि पेश किया जाए तोअनंत हो जाए ?ÓÓ भीष्म ने कहा, ''बात सुनो, ऐ युधिष्ठिर कि वे कौन-सी हवि हैं जो श्राद्ध रीति के मध्य भेंट करना उचित हैं। और वे कौन से फल हैं जो प्रत्येक से जुड़ें है? और श्राद्ध के समय शीशम बीज, चावल, बाजरा, माश, पानी, जड़ और फल भेंट किया जाए तो पूर्वजों को एक माह तक शांति रहती है। यदि मछली भेंट की जाएँ तो यह उन्हें दो माह तक राहत देती है। भेड़ कामांस तीन माह तक उन्हें शांति देता है। $खरगोश का मांस चार माह तक, बकरी का मांस पाँच माह और सूअर का मांस छह माह तक, पक्षियों का मांस सात माह तक, 'प्रिष्टाÓ नाम के हिरन के मांस से वे आठ माह तक और ''रूरूÓÓ हिरन के मांस से वे नौ माह तक शांति में रहतेहैं। त्रड्ड1ड्ड4ड्डंके मांस से दस माह तक, भैंस के मांस से ग्यारह माह और गौ मांस से पूरे एक वर्ष तक। पायस यदि घी में मिलाकर दान किया जाए तो यह पूर्वजों के लिए गौ मांस की तरह होता है। बधरीनासा (एक बड़ा बैल) के मांस से बारह वर्ष तक और गैंडे का मांस यदि चंद्रमा के अनुसार उनको मृत्यु वर्ष पर भेंट किया जाए तो यह उन्हें सदैव सुख-शांति में रखता है। क्लास्का नाम की जड़ी-बूटी, कंचना पुष्प की पत्तियाँ और लाल बकरी का मांस भेंट किया जाए तो वह भी अनंत सुखदायी होता है। अत: यह स्वाभाविक है कि यदि तुम अपने पूर्वजों को अनंत सुख-शांति देना चाहते हो तों तुम्हें लाल बकरी का मांस भेंट करना चाहिए।
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मुसलमानों अपने हक को जानों :
तमाम मुस्लिम बाशिंदों से गुज़ारिश है कि हमारे देश में चारों ओर साजिशों का दौर चल पड़ा है RSS एवं BJP हर रोज़ हिन्दू समाज को घर-घर जाकर मुसलमानों के खिलाफ जहर पिला रहे हैं।
प्रतिदिन देश के किसी न किसी कोने में मुसलमानों पर किसी भी बहाने से जुल्म को अंजाम दिया जा रहा है । RSS के लोग मुसलमानों पर ज्यादती के मौके तलाश रहे हैं ।
ऐसे में हमें भी चाहिए कि हम अपने अधिकारों को जाने जो कि हमें भारत के संविधान ने दिये हैं क्योंकि हम इस देश में किराएदार नहीं है इस मुल्क की एक एक इंच जमीन पर हमारा भी बराबर का अधिकार है ।
प्रतिदिन देश के किसी न किसी कोने में मुसलमानों पर किसी भी बहाने से जुल्म को अंजाम दिया जा रहा है । RSS के लोग मुसलमानों पर ज्यादती के मौके तलाश रहे हैं ।
ऐसे में हमें भी चाहिए कि हम अपने अधिकारों को जाने जो कि हमें भारत के संविधान ने दिये हैं क्योंकि हम इस देश में किराएदार नहीं है इस मुल्क की एक एक इंच जमीन पर हमारा भी बराबर का अधिकार है ।
अगर कोई भी व्यक्ति आपसे बुरा व्यवहार करता है या आपसे मुस्लिम होने की वजह से मारपीट या गाली गलौज करता है तो आप चुप न बैठें क्योंकि आपकी यही खामौशी इन देशद्रोहीयों के हौसलों को मजबूत करती है ।
आप एक इज्जतदार नागरिक होने का फर्ज निभाए और ऐसे देश के दुश्मनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएँ।
1. आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॅा आफ बोर्ड यानी की AIMPLB एक ऐसी संस्था है जो कई सालों से मुसलमानों के अधिकारों के लिये काम कर रही है।
जब बैरिस्टर असदउद्दीन औवेसी लंदन से वकालत की तालीम लेकर भारत आए तो मुसलमानों के कमज़ोर हालात और उनके साथ हो रही नाइंसाफी को देखते हुए उन्होंने हिन्दुस्तान के कुछ मशहूर मुस्लिम वकीलों और समाज सेवकों को साथ लेकर इस संस्था का गठन किया।
अगर किसी मुसलमान भाई को कोई भी परेशानी हो तो आप इस संस्था में कॅाल कर सकते हैं जहाँ से आपको पूरी फ्री कानूनी मदद मिलेगी एवं वकील भी मुहैया कराए जाएंगे।
जब बैरिस्टर असदउद्दीन औवेसी लंदन से वकालत की तालीम लेकर भारत आए तो मुसलमानों के कमज़ोर हालात और उनके साथ हो रही नाइंसाफी को देखते हुए उन्होंने हिन्दुस्तान के कुछ मशहूर मुस्लिम वकीलों और समाज सेवकों को साथ लेकर इस संस्था का गठन किया।
अगर किसी मुसलमान भाई को कोई भी परेशानी हो तो आप इस संस्था में कॅाल कर सकते हैं जहाँ से आपको पूरी फ्री कानूनी मदद मिलेगी एवं वकील भी मुहैया कराए जाएंगे।
AIMPLB ( Delhi )
Contact: 91-11-26322991
Fax: 91-11-26314784
Email: aimplboard@gmail.com
Contact: 91-11-26322991
Fax: 91-11-26314784
Email: aimplboard@gmail.com
2. अगर कोई मुस्लिम भाई किसी हिन्दू मंदिर, धर्मशाला, गौशाला या योगशाला में काम करता है या इनके आसपास अपना धंधा करता है तो उसे इन स्थानों के भीतर जाने की पूरी आजादी है।
अगर मुस्लिम युवक नौदुर्गा में आयोजित गरबा महोत्सव जैसे आयोजनों में जाना चाहता है तो उसे हिन्दुस्तान का कानून पूरी आजादी देता है चाहे वह डेकोरेटर, बिजली कर्मचारी, संगीत कलाकार हो या सिर्फ प्रोग्राम को देखने गया दर्शक हो।
अगर किसी मुस्लिम भाई पर जबरन रोक लगाई जाती है या कोई RSS, BJP के कार्यकर्ता के द्वारा बुरा व्यवहार किया जाता है तो आप भारत सरकार की हेल्प लाईन नं. पर फोन करके अपनी कम्प्लेन दर्ज करा सकते हैं।
अगर किसी मुस्लिम भाई पर जबरन रोक लगाई जाती है या कोई RSS, BJP के कार्यकर्ता के द्वारा बुरा व्यवहार किया जाता है तो आप भारत सरकार की हेल्प लाईन नं. पर फोन करके अपनी कम्प्लेन दर्ज करा सकते हैं।
खिदमत ( Delhi )
अल्पसंख्यक हेल्पलाईन
1800112001 (toll free)
09002354354
अल्पसंख्यक हेल्पलाईन
1800112001 (toll free)
09002354354
3. और भी कई मुस्लिम संस्थाएं हैं जिनपर सम्पर्क किया जा सकता है:
CAVE ( A. R. Agwan )
011-29946037
9911526380
011-29946037
9911526380
MCED ( Gaffar sheikh)
0240-2321223/24
09422206541
0240-2321223/24
09422206541
Muslim Yuva Manch
(Wasim Irfani )
01477-220137
(Wasim Irfani )
01477-220137
मुस्लिम वक्फ बोर्ड:
Andhra Pradesh
( M.J. Akbar )
09440810006
040-66106248
( M.J. Akbar )
09440810006
040-66106248
Assam
( Nakibur Jaman)
09864021968
0361-2235285
( Nakibur Jaman)
09864021968
0361-2235285
Bihar
( Syed Sharim Ali )
07739323777
0612-2230581
( Syed Sharim Ali )
07739323777
0612-2230581
Gujarat
( A.I. Sayed )
09909908299
079-23235467
( A.I. Sayed )
09909908299
079-23235467
Madhya Pradesh
( Shokat Mohammed Khan)
09425004331
0755-2543175
( Shokat Mohammed Khan)
09425004331
0755-2543175
Utter Pradesh
( Zafar Ahmed faruqui )
09455557777
0522-2239378
( Zafar Ahmed faruqui )
09455557777
0522-2239378
Delhi
( S. M. Ali )
09650131666
011-23274417
( S. M. Ali )
09650131666
011-23274417
इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि किसी मुस्लिम भाई के साथ नाइंसाफी न हो।
hindustan zindabad
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