Friday, 10 April 2015

کزنس سے شادی

Medi-Times
Mateen Khan
ہندوستان کے ہندو بھائی اکثر
مسلمو طرف چچےري، ماموں زاد، موسےري،
پھپھےري كذن کے ساتھ شادی
کی رسم کو بڑی گری ہوئی نظر
سے دیکھتے ہیں، اور اس بات کو لے کر مسلمانوں پر گندے طنز
بھی کرتے ہیں، پر جہاں تک میں جانتا ہوں تو وہ یہ کہ ہر
مذہب نے اس شادی کی سفارش کی ہے،
مہاتما بدھ کی بیوی يشودھرا ان سگے
ماما اور سگی پھوپھی
کی بیٹی تھیں، اور خود
شری کرشن جی ایسے شادی کے حق میں شامل تھے.
کرشن جی نے اپنی بہن سبھدرا کی شادی
اپنی سگی پھوپھی کے بیٹے ارجن سے
کروایا تھا! ارجن سبھدرا کے سگے پھپھےرے بھائی تھے، اور
سبھدرا ارجن
کی سگی ماموں زاد بہن
تھیں، نیچے لکھے شواہد سے یہ بات
بھلی قسم ثابت ہوتی ہے: -
1- وسدےو ایک يدوشي جن کے والد کا نام شور اور
ماں کا نام مارشا تھا.
*. یہ متھرا کے بادشاہ اگرسےن کے سیکرٹری تھے.
پانڈو کی ماں كتي وسدےو
کی سگی بہن تھی.
http://bharatdiscovery.org/india/ وسدےو
2- پرتھا (كتي) شیف شورسےن
کی بیٹی اور وسدےو کی بہن
تھیں. شورسےن کے ماموں زاد بھائی كتبھوج نے پرتھا کو ماگكر اپنے
یہاں رکھا. اس سے ان کا نام 'كتي' پڑ گیا،
كتي خدا شری کرشن کی پھوپھی
تھیں. كنتي کو اندر کے حصہ سے ارجن
پیدا ہوئے.
http://bharatdiscovery.org/india/ كنتي
3- سبھدرا کرشن کی بہن جو وسدےو
کی کنیا اور ارجن
کی بیوی تھیں. ان کے بڑے بھائی
بلرام ان کا بیاہ دريودھن سے کرنا چاہتے تھے پر کرشن کے
ترغیبات سے ارجن انہیں دوارکا سے بھگا لائے. سبھدرا کے
بیٹے
ابھمني، مہابھارت کے مشہور یودقا ہیں.
http://bharatdiscovery.org/india/ سبھدرا
ارجن اور سبھدرا کی شادی کی یہی بات
بھاگوت پران سے بھی ثابت ہوتی ہے
[Shrimad Bhagvat. Skandh-9. Paath-24. Shlok-
28-29. Page-534/535]
اس کے علاوہ ایک اور مثال بھی كذن میرج
کا یہاں ملتا ہے
........ وراٹ نریش کی ایک
بیٹی تھی جس کا نام اتترا تھا، اور ایک
بیٹا تھا جس کا نام شمالی تھا. ارجن کے بیٹے ابھمني
کی شادی
اتترا سے ہوا جس سے ان کے یہاں ایک بیٹا پیدا ہوا جس کا نام
پركشت رکھا گیا. پركشت نے اپنے ماما شمالی
کی بیٹی اراوتي سے شادی کی.
[Shrimad Bhagvat. Skandh-1. Paath-16. Shlok-
2. Page- 63]
یہ باتیں آپ بھاگوت پران کی site پر جاکر scanned
pages میں شامل خود دیکھ سکتے ہیں، صرف اس Link پر جاکر پیج نمبر
ٹائپ کیجئے اور "Go" کے بٹن پر کلک کر
دیجئے
http://www.vedpuran.com/brahma.asp؟booki
d = 9 & secid = 1 & pageno = 00l & Ved = Y & P
uranName = Bhagvat
اور سنئے ....... میرا خیال ہے کہ میرے شمالی ہند کے یہ ہندو
بھائی
مسلمانوں کی طرف سے خون خاندان سے شادی کے چلن کو اس لئے
برا سمجھتے ہیں، کیونکہ نہ یہ ہندو بھائی اس کی تاریخ اور مذہب
کو صحیح سے جانتے ہیں اور نہ ہی اپنے
ملک کے اور اپنے ہی مذہب کے
باشندوں کے مختلف قسم کے رسم رواذو کو جانتے
ہیں .....
شمالی بھارت میں تو کسی وجہ ہندو بھائیوں نے كذن
میرج کی اتنی منافع بخش رواج کو ترک
دیا لیکن ہمارے ہی ملک کے تین
ریاستوں کرناٹک، آندھر پردیش اور تامل ناڈو یعنی پورے جنوبی
بھارت
میں شامل ہندو ذاتوں میں شامل ہی بڑے پیمانے پر اپنے كذنس اور
سگے چچا وغیرہ سے شادی کرنے کا چلن ہے .... اور آپ
جانتے ہی نہیں ..... لنک دیکھ
لیجئے
http://en.wikipedia.org/wiki/Cousin_marriage؟
seg = 1 # Tamil_Nadu.28Hindu.29
भारत के हिन्दू भाई अक्सर
मुस्लिमो द्वारा चचेरी,ममेरी, मौसेरी,
फुफेरी कज़िन के साथ विवाह
की प्रथा को बड़ी गिरी हुई नजर
से देखते हैं, और इस बात को लेकर मुस्लिमों पर गन्दे कटाक्ष
भी करते हैं, पर जहां तक मैं जानता हूं तो वो ये कि हर
धर्म ने इस विवाह की अनुशंसा की है,
महात्मा बुद्ध की पत्नी यशोधरा उनके सगे
मामा और सगी बुआ
की बेटी थीं, और स्वयं
श्रीकृष्ण जी ऐसे विवाह के पक्ष मे थे .
कृष्ण जी ने अपनी बहन सुभद्रा का विवाह
अपनी सगी बुआ के पुत्र अर्जुन से
करवाया था ! अर्जुन सुभद्रा के सगे फुफेरे भाई थे, और
सुभद्रा अर्जुन
की सगी ममेरी बहन
थीं, नीचे लिखे प्रमाणों से ये बात
भली प्रकार सिद्ध होती है :-
1- वसुदेव एक यदुवंशी जिनके पिता का नाम शूर और
माता का नाम मारिषा था।
*. ये मथुरा के राजा उग्रसेन के मन्त्री थे।
पांडवों की माता कुंती वसुदेव
की सगी बहन थी ।
http://bharatdiscovery.org/india/वसुदेव
2- पृथा (कुंती) महाराज शूरसेन
की बेटी और वसुदेव की बहन
थीं। शूरसेन के ममेरे भाई कुंतिभोज ने पृथा को माँगकर अपने
यहाँ रखा। इससे उनका नाम 'कुंती' पड़ गया,
कुंती भगवान श्रीकृष्ण की बुआ
थीं। कुन्ती को इन्द्र के अंश से अर्जुन
का जन्म हुआ।
http://bharatdiscovery.org/india/कुन्ती
3- सुभद्रा कृष्ण की बहिन जो वसुदेव
की कन्या और अर्जुन
की पत्नी थीं। इनके बड़े भाई
बलराम इनका ब्याह दुर्योधन से करना चाहते थे पर कृष्ण के
प्रोत्साहन से अर्जुन इन्हें द्वारका से भगा लाए। सुभद्रा के
पुत्र
अभिमन्यु , महाभारत के प्रसिद्ध योद्धा हैं।
http://bharatdiscovery.org/india/सुभद्रा
अर्जुन और सुभद्रा के विवाह की यही बात
भागवत पुराण से भी सिद्ध होती है
[ Shrimad Bhagvat. Skandh-9 . Paath-24. Shlok-
28-29 . Page-534/535 ]
इसके अलावा एक अन्य उदाहरण भी कज़िन मैरिज
का यहाँ मिलता है
........विराट नरेश की एक
बेटी थी जिसका नाम उत्तरा था, और एक
बेटा था जिसका नाम उत्तर था. अर्जुन के बेटे अभिमन्यु
का विवाह
उत्तरा से हुआ जिससे उनके यहाँ एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम
परिक्षित रखा गया . परिक्षित ने अपने मामा उत्तर
की बेटी इरावती से विवाह किया ।
[ Shrimad Bhagvat. Skandh-1 . Paath-16 . Shlok-
2 . Page- 63 ]
ये बातें आप भागवत पुराण की site पर जाकर scanned
pages मे खुद देख सकते है, बस इस Link पर जाकर पेज नम्बर
टाइप कीजिए और “Go” बटन पर क्लिक कर
दीजिए
http://www.vedpuran.com/brahma.asp?booki
d=9&secid=1&pageno=00l&Ved=Y&P
uranName=Bhagvat
और सुनिए....... मेरा मानना है कि मेरे उत्तर भारत के ये हिंदू
भाई
मुस्लिमों द्वारा रक्त सम्बन्धियों से विवाह के चलन को इसलिए
बुरा समझते हैं, क्योंकि न ये हिन्दू भाई अपने इतिहास और धर्म
को सही से जानते हैं और न ही अपने
ही देश के और अपने ही धर्म के
निवासियों के भिन्न भिन्न प्रकार के रीति रिवाज़ों को जानते
हैं .....
उत्तर भारत मे तो किसी कारणवश हिन्दू भाईयों ने कज़िन
मैरिज की इतनी लाभदायक प्रथा को त्याग
दिया लेकिन हमारे ही देश के तीन
राज्यों कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश और तमिलनाडु यानि पूरे दक्षिण
भारत
मे हिन्दू जातियों मे ही बड़े पैमाने पर अपने कज़िन्स और
सगे चाचा आदि से शादी करने का चलन है .... और आप
जानते ही नहीं ..... लिंक देख
लीजिए
http://en.wikipedia.org/wiki/Cousin_marriage ?
seg=1#Tamil_Nadu.28Hindu.29

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