Friday, 10 April 2015

کیسے بچیں گی بچیاں

MEDI TIMES
Mateen Khan
استقاط حمل کا ھیبت ناک ویڈیو اور ڈاکٹر کا دل دھلادینے والابیان

اگر اسے پڑھ کر آپ کےدل کےدھڑکنیں بڑھ جائیں
تو شیئر
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جنین
بچی کے قتل کا آنكھو دیکھا تفصیل:
امریکہ میں سن 1984 میں ایک کانفرنس ہوئی تھی - 'نیشنل رائٹس
ٹو لايپھ
كنوےنشن '. اس کانفرنس کے ایک نمائندے نے ڈاکٹر برنارڈ
نےتھےنسن کے
کی طرف سے اسقاط حمل
کی بنائی گئی ایک
الٹراساڈ فلم 'سالےٹ
سكريم '(گوگي چیخ)
کا جو تفصیلات
دیا تھا، وہ اس طرح ہے: 'پیٹ کی وہ معصوم
بچی ابھی دس ہفتے
کی تھی اور کافی چست
تھی.
ہم اسے اپنی ماں کی کوکھ مے کھیلتے،
کروٹ بدلتے
و انگوٹھا چوستے ہوئے دیکھ رہے تھے. اس کے دل
کی دھڑكنو کو بھی ہم دیکھ پا رہے تھے اور
وہ اس
وقت 120 کی سادہ رفتار سے دھڑک رہا تھا. سب کچھ
بالکل
عام تھا؛ لیکن جیسے ہی پہلے اوزار (سكسن
پمپ) نے
بچہ دانی کی دیوار کو چھو لیا، وہ معصوم
بچی ڈر سے دم گھوم کر سکڑ
گئی اور اس کے
دل کی دھڑکن کافی بڑھ
گئی.
اگرچہ ابھی تک کسی اوزار نے
بچی کو چھوا تک
بھی نہیں تھا، لیکن
اسے تجربہ ہو گیا تھا کہ کوئی چیز اس کے ارامگاه،
اس کے محفوظ علاقے پر حملہ کرنے کی کوشش کر رہی ہے. ہم دہشت سے بھرے یہ دیکھ رہے تھے کہ کس طرح وہ اوزار اس
ننھی-منی معصوم گڑيا-
سی بچی کے ٹکڑے ٹکڑے کر رہا تھا.
پہلے کمر،
پھر پاؤں وغیرہ کے ٹکڑے ایسے کاٹے جا رہے تھے جیسے وہ
زندہ
مخلوق نہ ہوکر کوئی گاجر-مولی ہو اور وہ
بچی درد سے چھٹپٹاتي ہوئی، سکڑ کر
گھوم گھوم کر
تڑپتی ہوئی اس قاتل اوزار سے بچنے کی کوشش کر رہی تھی. وہ اس بری طرح
ڈرگئی تھی کہ ایک وقت اس کے دل
کی دھڑکن 200 تک پہنچ گئی! میں نے
خود اپنی آنکھوں سے اس کو اپنا سر پیچھے جھٹكتے ومنہ کھول کر چيكھنے کی کوشش کرتے ہوئے دیکھا، جسے
ڈاکٹر نےتھےنسن نے مناسب ہی 'گونگی چیخ' یا 'خاموش پکار' کہا ہے. آخر مے ہم نے وہ پر ھیبت منظر
بھی دیکھا، جب
سڈسي اس کے سر کو توڑنے
کے لئے
تلاش رہی تھی اور پھر دبا کر اس سخت
کھوپڑی کو توڑ
رہی تھی کیونکہ سر
کا وہ حصہ بغیر توڑے سکشن ٹیوب کے ذریعے باہر
نہیں نکالا جا سکتا تھا. ' قتل کے اس
ويبھتس
کھیل کو خوشحال کرنے میں قریب پندرہ منٹ
کا وقت
لگا اور اس کے دردناک منظر کا اندازہ اس سے زیادہ اور کس طرح
لگایا جا سکتا ہے کہ جس ڈاکٹر نے یہ اسقاط کیا تھا اور
جس نے محض
كوتوهلوش اس فلم
بنوا لی تھی،
اس نے جب خود اس فلم کو دیکھا تو وہ
اپنا کلینک
چھوڑ کر چلا گیا اور پھر واپس نہیں آیا! -
آپ کا ایک شئر
کسی غیر پیدا شدہ بچی -
کی جان بچا سکتے ہیں!

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गर्भपात करवाना गलत माना गया है, कृपया इस लेख को अवश्य पढ़े
और
अगर इसे पढ़ कर आपके दिल की धड़कने बढ़ जाये
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गर्भस्थ
बच्ची की हत्या का आँखोँ देखा विवरण :
अमेरिका में सन 1984 में एक सम्मेलन हुआ था - 'नेशनल राइट्स
टू लाईफ
कन्वैन्शन'। इस सम्मेलन के एक प्रतिनिधि ने डॉ॰ बर्नार्ड
नेथेनसन के
द्वारा गर्भपात
की बनायी गयी एक
अल्ट्रासाउण्ड फिल्म 'साइलेण्ट
स्क्रीम' (गूँगी चीख)
का जो विवरण
दिया था, वह इस प्रकार है- 'गर्भ की वह मासूम
बच्ची अभी दस सप्ताह
की थी व काफी चुस्त
थी।
हम उसे अपनी माँ की कोख मेँ खेलते,
करवट बदलते
व अंगूठा चूसते हुए देख रहे थे। उसके दिल
की धड़कनों को भी हम देख पा रहे थे और
वह उस
समय 120 की साधारण गति से धड़क रहा था। सब कुछ
बिलकुल
सामान्य था; किन्तु जैसे ही पहले औजार (सक्सन
पम्प) ने
गर्भाशय की दीवार को छुआ, वह मासूम
बच्ची डर से एकदम घूमकर सिकुड़
गयी और उसके
दिल की धड़कन काफी बढ़
गयी।
हालांकि अभी तक किसी औजार ने
बच्ची को छुआ तक
भी नहीं था, लेकिन
उसे अनुभव हो गया था कि कोई चीज उसके आरामगाह,
उसके
सुरक्षित क्षेत्र पर हमला करने का प्रयत्न कर
रही है। हम
दहशत से भरे यह देख रहे थे कि किस तरह वह औजार उस
नन्हीं-मुन्नी मासूम गुड़िया-
सी बच्ची के टुकड़े-टुकड़े कर रहा था।
पहले कमर,
फिर पैर आदि के टुकड़े ऐसे काटे जा रहे थे जैसे वह
जीवित
प्राणी न होकर कोई गाजर-मूली हो और वह
बच्ची दर्द से छटपटाती हुई, सिकुड़कर
घूम-घूमकर
तड़पती हुई इस हत्यारे औजार से बचने का प्रयत्न
कर
रही थी। वह इस बुरी तरह
डर
गयी थी कि एक समय उसके दिल
की धड़कन 200 तक पहुँच गयी! मैँने
स्वंय
अपनी आँखों से उसको अपना सिर पीछे
झटकते व
मुँह खोलकर चीखने का प्रयत्न करते हुए देखा, जिसे
डॉ॰
नेथेनसन ने उचित
ही 'गूँगी चीख'
या 'मूक पुकार' कहा है। अंत मेँ हमने वह नृशंस
वीभत्स दृश्य
भी देखा, जब
सँडसी उसकी खोपड़ी को तोड़ने
के लिए
तलाश रही थी और फिर दबाकर उस कठोर
खोपड़ी को तोड़
रही थी क्योँकि सिर
का वह भाग बगैर तोड़े सक्शन ट्यूब के माध्यम से बाहर
नहीं निकाला जा सकता था।' हत्या के इस
वीभत्स
खेल को सम्पन्न करने में करीब पन्द्रह मिनट
का समय
लगा और इसके दर्दनाक दृश्य का अनुमान इससे अधिक और कैसे
लगाया जा सकता है कि जिस डॉक्टर ने यह गर्भपात किया था और
जिसने मात्र
कौतूहलवश इसकी फिल्म
बनवा ली थी,
उसने जब स्वयं इस फिल्म को देखा तो वह
अपना क्लीनिक
छोड़कर चला गया और फिर वापस नहीं आया ! —
आपका एक शेयर
किसी अजन्मी बच्ची -
लडकी की जान बचा सकता है!

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