گذشتہ روز سے فیس بک پر بعض دانشورحضرات اپنی وال پہ دھڑا دھڑ یہ لطیفہ کاپی پیسٹ کر رہے ہیں:
’عبداللہ اپنے بکرے کو بہت محبت کرتا ہے .. وہ اسے پالتا ہے پوستا ہے اور پھر اس کو کاٹ کے کھا جاتا ہے ....
سنتے ہیںعبداللہ ہندوستان سے بھی بہت محبت کرتا ہے ۔‘
اب اس لطیفہ کا جواب بھی سن لیجئے ،اور کاپی اور پیسٹ کیجئے:
’رمیش اپنی گائے کو اپنی ماں کہتا ہے اور اس سے بہت محبت کرتا ہے.... وہ اس کے دودھ اور مکھن سے اپنے بچوں کو پالتا ہے اورہشٹ پشٹ اتھلیٹک بناتا ہے.... اور اس ننھے بچھڑے کو گھاس کھلاتا ہے.... آخر میں رمیش اپنی ماں کوقصائیوں اور تاجروں کے ہاتھ بیچ کر گائے کے گوشت کا ایکسپورٹ کرواکے دنیا کا تیسرا سب سے بڑا گوشت کا برآمد کنندہ ملک کا شہری بن جاتا ہے ....
سنتے ہیں رمیش بھارت کو بھی اپنی ماں کہتا ہے!
कल से कुछ बुद्दिजीवी अपनी वाल पे धड़ा धड़ ये जोक कॉपी पेस्ट कर रहे हैं:
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"अब्दुल अपने बकरे को बहुत प्यार करता है.. वो उसे पालता है पोसता है और फिर उसको काट के खा जाता है..
सुनते हैं अब्दुल हिन्दुस्तान से भी बहुत प्यार करता है"
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अब इस जोक का जवाब भी सुन लीजिये और कॉपी पेस्ट कीजिये:
"रमेश अपनी गाय को अपनी माँ कहता है और उस से बहुत प्यार करता है.. वो उसके दूध और मख्खन से अपने बच्चों को पालता है और हष्ट पुष्ट बनाता है.. और उसके नन्हे बछड़े को घांस खिलाता है.. अंत में रमेश अपनी माँ को कसाईयों और व्यापारियों के हाथ बेचकर बीफ एक्सपोर्ट करवाके दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मांस का निर्यातक बन जाता है..
सुनते हैं रमेश भारत को भी अपनी माँ कहता है?"
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(कॉपी-पेस्ट)
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