Sunday, 27 September 2015

उषा ठाकुर को जवाब


उषा ठाकुर BJP  MLA को एक मुस्लिम का जवाब
उषा ठाकुर: तुम बकरे की क़ुरबानी देते हो जबकि पैगम्बर ने अपने बेटे की क़ुरबानी दी थी तो तुम भी अपने बेटे की क़ुरबानी दो।
मुस्लिम: मेडम आप ने इस्लामिक ग्रन्थ क़ुरआन और सही हदीस पढ़े बिना कितना गलत बोल दिया। क्या यही है आपका संस्कार ?
अगर आपने इस्लामिक ग्रन्थ क़ुरआन और सही हदीस पढ़ा होता तो समझ में आता कि अल्लाह ने पैगम्बर इब्राहीम अलैहिस्सालम से अपने बेटे की क़ुरबानी इसलिए मांगी थी कि उनकी परीक्षा ले सके कि वह कितने खरे उतरते हैं परीक्षा में, क्योंकि अल्लाह (यानि आपका और सारे संसार का पालनहार/ईशवर) ने हर एक इन्सान को परीक्षा के लिए भेजा है। और पैगम्बर इब्राहीम अलैहिस्सलाम परीक्षा में खरे उतरे उन्होंने अपने बैटे की ही क़ुरबानी दी थी लेकिन अल्लाह ने उनके बेटे की जगह एक जानवर कुरबान करवा दिया और उनके बेटे को कुछ नहीं हुआ।
और मेडम यह आदेश बेटे को कुरबान करने का सिर्फ उन्हें ही हुआ था। पूरे क़ुरआन और सही हदीस में कहीं भी आदेश नहीं कि मुस्लिम अपने बेटे की 
क़ुरबानी दें। लेकिन आपको कहाँ से मालूम होगा आपने पढ़ा ही नहीं। बस आपको जो इस्लाम के खिलाफ बताया गया है वही मालूम है आपको।
हाँ मुसलमानों को अल्लाह ने हक़ (सत्य) के लिये अपनी जान कुरबान करने का आदेश दिया है और हम मुस्लमान पीछे नहीं हटे और हिंदुस्तान की आज़ादी में अपनी जानें कुरबान करदीं। और दुनिया से ज़ुल्म मिटाने के लिए जाने कुरबान करते रहे और करते रहेंगे। इंशा अल्लाह।
और अगर आप जीव हत्या की बात करें तो पहले आप अपने धर्म ग्रन्थ "मनुस्मृति" के अध्याय 5 के स्लोक नं.30 पढ़ लीजिये उसमें लिखा है
("नात्ता दुष्यत्य दन्नाघानप्राणिनोअहन्यपि। धात्रैव सृष्टा हाघाश्च प्राणिनोउत्तार एव च।)
अर्थ: खाने योग्य जीव जंतु को खाने वाला व्यक्ति पापी दोषी नहीं अगर वह प्रति दिन भी खाये क्योंकि खाने वाले और खाये जाने वाले की रचना ईशवर ने ही की है।"
तो यह है आपके ग्रन्थ में की अगर कोई व्यक्ति प्रति दिन भी खाए तो पापी नहीं।
तो आपसे निवेदन है कि बिना ज्ञान सीखे कुछ न बोलिये कृप्या।
क्योंकि किसी के धर्म को ठेस पहुँचती है और हाँ आपको यह संविधान भी नहीं सिखाता।
में जवाब देने वाला कोई भोला भाला अज्ञानी मुस्लिम नहीं वल्कि क़ुरआन और सही हदीस का नारा लगाने वाला हूँ, जो कि धर्म के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। जो कि आपके ही इंदौर में हजारों की तादाद में हैं।
इब्राहीम अलैहिस्सलाम की छुरी तो उनके बेटे पर नही चली।
पर शंकर जी की छुरी  गणेश जी पर चली थी।।
क्या ख्याल है # उषा जी किसको बेटे की कुर्बानी देनी चाहिए।।
ख़्याल रखें ।
..हमें भी बहुत कुछ बोलना आता है लेकिन इस्लाम हमें नहीं सिखाता गलत बोलना।
और जीव हत्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह विडियो देखिये
http://youtu.be/Esm5IU2dAPo

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