की मौत हो जाती है गृह मंत्रालय कहता है कि जरूरत
पड़ी तो एनआईए से जांच कराई जायेगी। पुलिस का शक सिमी पर है,
उसी सिमी पर जिसके नाम पर पहले दर्जनों नौजवानों की जिंदगियों को तबाह किया जा चुका है।
पड़ी तो एनआईए से जांच कराई जायेगी। पुलिस का शक सिमी पर है,
उसी सिमी पर जिसके नाम पर पहले दर्जनों नौजवानों की जिंदगियों को तबाह किया जा चुका है।
मीडिया, को पुलिस को सिमी नजर आ रहा है। तभी एक ‘हिंदू’
नाम का अब्दुल खान शख्स ट्वीट करता है कि मेंहदी को छोड़ दो नहीं तो दिन बाद और ब्लास्ट होंगे।
पुलिस उस युवक को गिरफ्तार करती है, फिर वह अब्दुल नहीं कोई ‘हिंदू’ पाया जाता है।
नाम का अब्दुल खान शख्स ट्वीट करता है कि मेंहदी को छोड़ दो नहीं तो दिन बाद और ब्लास्ट होंगे।
पुलिस उस युवक को गिरफ्तार करती है, फिर वह अब्दुल नहीं कोई ‘हिंदू’ पाया जाता है।
हिंदुस्तान टाईम्स इस खबर को प्रकाशित करता है
साथ में हैडिंग लगाता है कि ‘हिंदू’ मंदबुद्धी बालक ने ब्लास्ट करने की धमकी दी।
( http://www.hindustantimes.com/
india-news/bangalore-blast-mentally-disturbed-
hindu-boy-sent-out-terror-threats/
article1-1301556.aspx )
( http://www.hindustantimes.com/
india-news/bangalore-blast-mentally-disturbed-
hindu-boy-sent-out-terror-threats/
article1-1301556.aspx )
क्राईम ब्रांच के डीसीपी अभिषेक गोयल कहते हैं कि उन्होंने लड़के के परिजनों को बुलाया है जिनके पास इस बात के प्रमाण हैं कि उनका लड़का मंदबुद्धी है।
कैसा अजीब है यह दृश्य
लड़का मंदबुद्धी है मगर
जानता है कि कथित तौर से आईएसआईएस का ट्विटर एकाऊंट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया मेहदी कौन है ?
लड़का मंदबुद्धी है मगर
जानता है कि कथित तौर से आईएसआईएस का ट्विटर एकाऊंट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया मेहदी कौन है ?
उस मंदबुद्धी को इतना भी मालूम है कि दो दिन पहले बंगलूरू में ब्लास्ट हुआ था।
उस मंदबुद्धी को इतना भी मालूम है कि ट्विटर एकाऊंट
मुस्लिम के नाम से बनाया जाये और उससे धमकी दी जाये तो पुलिस उसे पकड़ नहीं पायेगी।
मुस्लिम के नाम से बनाया जाये और उससे धमकी दी जाये तो पुलिस उसे पकड़ नहीं पायेगी।
उसी मंदबुद्धी ने अब्दुल खान के नाम से ट्विटर एकाऊंट बनाया और ट्वीट किया "
I am Abdul the one behind Bangalore blast yesterday.
In 2 days 2 more blast. I challenge catch me if you can. Police my foot. ISIS (Sic.)"
क्या यह सब काम कोई वह शख्स कर सकता है जिसके पास मंदबुद्धी होने के
प्रमाण पत्र मौजूद हैं
I am Abdul the one behind Bangalore blast yesterday.
In 2 days 2 more blast. I challenge catch me if you can. Police my foot. ISIS (Sic.)"
क्या यह सब काम कोई वह शख्स कर सकता है जिसके पास मंदबुद्धी होने के
प्रमाण पत्र मौजूद हैं
पुलिस क्यों लीपा पौती कर रही है,
उसकी शक की सुईं हमेशा एक तरफ क्यों घूमती है ?
जिसे पुलिस ने मंदबुद्धी बताया है उसे आईएस से लेकर तमाक करंट अफेयर्स के बारे में मालूम है, उसे यह भी मालूम है कि ट्विटर से धमकी अपने नाम से नहीं बल्कि ऐसे नाम से दी जाये जिसे आसानी से ‘आतंकवादी’ मान लिया जाता हो।
जिसे पुलिस ने मंदबुद्धी बताया है उसे आईएस से लेकर तमाक करंट अफेयर्स के बारे में मालूम है, उसे यह भी मालूम है कि ट्विटर से धमकी अपने नाम से नहीं बल्कि ऐसे नाम से दी जाये जिसे आसानी से ‘आतंकवादी’ मान लिया जाता हो।
क्या सिर्फ यह कह देने से काम चल जायेगा कि वह ‘हिंदू’ शख्स जिसने अब्दुल खान के नाम से ट्विटर एकाऊंट बनाया वह मंदबुद्धी बालक है ?
अगर
वह मंदबुद्धी बालक है तो उसने ट्विटर एकाऊंट कैसे बना लिया
कैसे उसे जानकारी है कि मेहदी नाम के किसी शख्स को आईएस
का ट्विटर एकाऊंट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है
उस मंदबुद्धी को कैसे यह मालूम है कि दो दिन पहले बंगलूरू में ब्लास्ट हुआ है ❓ उस मंदबुद्धी को ट्विटर ऑपरेट करना, धमकी देना, करेंट अफेयर्स की सबकुछ जानकारी है फिर वह
पुलिस के अनुसार मंदबुद्धी बालक कैसे हो गया
पुलिस को जांच ऐजंसियों को अपने इस नजरिये को बदलना होगा।
अगर
वह मंदबुद्धी बालक है तो उसने ट्विटर एकाऊंट कैसे बना लिया
कैसे उसे जानकारी है कि मेहदी नाम के किसी शख्स को आईएस
का ट्विटर एकाऊंट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है
उस मंदबुद्धी को कैसे यह मालूम है कि दो दिन पहले बंगलूरू में ब्लास्ट हुआ है ❓ उस मंदबुद्धी को ट्विटर ऑपरेट करना, धमकी देना, करेंट अफेयर्स की सबकुछ जानकारी है फिर वह
पुलिस के अनुसार मंदबुद्धी बालक कैसे हो गया
पुलिस को जांच ऐजंसियों को अपने इस नजरिये को बदलना होगा।
अपराधी को उसकी जाती या धर्म से नहीं बल्कि उसके अपराध से जोड़ना होगा।
क्या यही ट्वीट करने वाला अगर सचमुच अब्दुल ही होता तब क्या सारे मीडिया चैनलों, सोश मीडिया, अखबारों में
यह खबर प्रमुखता के साथ स्थान बनाये हुये नहीं होती
यह खबर प्रमुखता के साथ स्थान बनाये हुये नहीं होती
अब बताया जा रहा है कि मंदबुद्धी है जब मंदबुद्धी होते हुऐ भी आतंकवादी करार देकर पांच साल, दस साल के लिये जेल में ठूंस दिया जाता। यह सब इसलिये कि ऐसा होता आया है। फिलहाल मंदबुद्धी बताकर उसके लिये लचीला होने की जरूरत नहीं है, सब जानते हैं कि दक्षिण भारत में श्रीराम सेना नाम का कथित हिंदुत्वादी संगठन सक्रिय है जिसने पहले भी कई
आतंकी हमले किये हैं और जिसेक एवज में मुस्लिम
नौजवानों को अपनी जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ी है। मगर बाद में क्या हुआ सब जानते हैं।
आतंकी हमले किये हैं और जिसेक एवज में मुस्लिम
नौजवानों को अपनी जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ी है। मगर बाद में क्या हुआ सब जानते हैं।
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