ख़बरों की ख़बर का एक एक लेख।ओबामा आए और चले गए , हमारे मीडिया ने उनके कुत्ते से लेकर उनके हवाई जहाज़ तक का महिमा मंडन किया | जाने कितने रुपये उनके ऊपर फूँक दिये गए सुरक्षा और तमाम सुविधाओ के नाम पर | चलिये ये ठीक भी था क्यूकी वो एक दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष थे हमारे देश के दौरे पर थे उनकी सुरक्षा और देख रेख हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी थी | उनकी सेवा और आव भगत का फल हमारे देश को मिला भी , परमाडू करार मे आई अडचने दूर हो गयी , कई शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने पर भी सहमति बनी , दुनिया और मुख्यतः दक्षिण पश्चिम एशिया मे भारत की धाक जमी , ओबामा जी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मे जगह के लिए भारत का समर्थन किया , पाकिस्तान और चाइना जैसे भारत के जन्मजात दुश्मन अंदर ही अंदर कुढ़ गए |चाइना ने तो ये तक कह दिया की दिल्ली को बीजिंग की जरूरत वॉशिंग्टन से ज्यादा है | कुल मिला कर अबतक आई खबरों और समाचार चैनलो पर हुई डिबेट के हिसाब से ओबामा का भारत दौरा काफी हद तक भारत के हित मे गया|
चलिये ये तो हुई ओबामा की बात अब हम 35 लाख के कोट पहनने वाले देश के कथित प्रधान सेवक श्री नरेंद्र मोदी जी के बारे मे भी बात करते है | शायद आपको पता न हो श्री मोदी जी के कोट की कीमत 35 लाख की थी जिस पर उनका नाम भी लिखा था | आज देश की स्थिति किसी से नहीं छुपी ना तो हमसे ना आप से | उस पर से देश के प्रधानमंत्री का 35 लाख रुपयो के कोट पहननने का क्या मतलब ? श्री मोदी जी ने ओबामा के स्वागत से लेकर उनके प्रस्थान जाने कितने कोट बदल डाले कोई नहीं जानता | अगर आप वही ओबामा से ही उनकी तुलना करेंगे तो पाएंगे ओबामा उनसे इस मामले मे बहुत पीछे हैं और ओबामा से उनकी तुलना आप कर भी नहीं सकते क्यूकी ओबामा दुनिया के सबसे शक्तिशाली और अग्रड़ी देश के राष्ट्रपति हैं और श्री मोदी 121करोड़ की आबादी वाले विकाशशील भारत के प्रधानमंत्री हैं जिसकी जनता का एक बड़ा हिस्सा आज खुले मे शौच के लिए जाता है | मोदी जी खुद बहुत गरीब घर के थे वो कहते हैं की उनके पास कपड़े ईस्त्री करने तक के पैसे नहीं होते थे | इसलिए वो कपड़ो को मोड कर बिस्तर के नीचे रख उस पर सो जाते थे | वही मोदी आज 35 लाख के कोट पहन रहे हैं क्या ये वो उन्हे शोभा देता है ? एक गरीब विकास शील देश का प्रधानमंत्री जिसकी आधी जनसंख्या गरीब है उसका प्रधानमंत्री यदि इतने महंगे कोट पहनेगा तो दुनिया मे क्या संदेश जाएगा ?
मोदी साहब के 35 लाख के कोट पर महीन अक्षरो मे उनका पूरा नाम भी छपा हुआ था जिसका विदेशी मीडिया मे बहुत मज़ाक उड़ाया गया | अमेरिका दौरे के समय उनकी ड्रेस डिज़ाइन करने वाले अमेरिकी डिजाइनर भी इस पर मुह भकोसते दिखे यहा तक की वॉशिंग्टन पोस्ट ने मोदी जी की इस हरकत और उनके कोट पर लिखे नाम पर यह तक कहा की “आज कोई छोटा बच्चा भी अपनी शर्ट पर अपना नाम लिखवाना नहीं पसंद करता वही इतने बड़े देश प्रधानमंत्री अपने कोट पर अपना नाम लिखाए घूम रहा है वो भी एक बार नहीं कई बार जो की बेहद हास्यास्पद और बचकाना है”|
मोदी जी ये भूल जाते हैं की वो भारत के प्रधानमंत्री हैं अमेरिका या बरतानिया नहीं उनकी ये खुदपसंदी और फिजूलखर्ची देश के लिए अच्छी नहीं | 35 लाख का कोट पहन कर के वो क्या संदेश देना चाहते है ये तो वही जाने लेकिन देश की जनता के पैसो का इतना दुरुपयोग किसी प्राधानमंत्री द्वारा शायद पहली बार किया गया हो | मोदी साहब इस देश से कांग्रेस की राजशाही खत्म करने आए थे लेकिन उनके ठाठ आज किसी राजा से कम नहीं है | मोदी जी की इस फिजूलखर्ची और इतने महंगे कपड़े पहनने का क्या मतलब जब देश की जनता इतनी सर्दी मे ठंड से मर रही है | मोदी जी हमेशा ये कहते आए हैं की वे महात्मा गांधी से प्रभावित है , लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता क्यूकी उनके ढंग से बिलकुल भीं नहीं झलकता की वो गांधी से प्रभावित हैं अपितु वो हैदराबाद के निज़ाम से ज्यादा प्रभावित लगते हैं जो एक कपड़ा अपने जीवन मे सिर्फ एक बार पहनते थे |
मै यहा मुगलशासक औरंगजेब का भी ज़िक्र करना चाहूँगा | औरंगजेब पर हमेशा ये इल्ज़ाम लगा की उसने मंदिर तोड़े और इस्लाम के अलावा और किसी धर्म को बर्दाश्त नहीं किया जो सही भी है , लेकिन उसने कभी जनता से जुटाये पैसो को खुद पर या खुद के शौक और आराम के लिए नहीं इस्तेमाल किया | उसने सारी ज़िंदगी टोपियाँ सिल कर उन्हे बेच कर अपनी जीविका चलाई |देश के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी फटे कुर्ते पहनते थे | श्री शास्त्री कभी अपने निजी काम के लिए सरकारी वाहन का प्रयोग नहीं किया इस वजह से उन्हे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था| उन्होने पंजाब नेशनल बैंक से 6000 रुपये लोन लेकर एक सेकंड हैंड फियट खरीदी जिसकी किश्त उनके पुत्रो ने उनके मरने के बाद तक चुकाई | गांधी जी ने सारी जिंदगी दो जोड़ी धोती और गमछे मे बिता दी यहा तक जब चर्चिल से मिलने भी गए तो उन्होने धोती और गमछा ही पहना | लेकिन जो मोदी आज खुद को गांधी से ,प्रभावित बता रहे है वो 35 लाख का कोट पहन कर जग हसाई का पात्र बने हैं|
कुछ लोगो को मेरे इस लेख से घोर आपत्ति हो सकती है मै उनसे यह पूछना चाहूँगा की क्या मोदी का इतने सारे और इतने महंगे कपड़े पहनना ज़रूरी था? क्या सस्ते साधारण कपड़े पहन लेने से देश को वो सब न मिल पता जो ओबामा दे गए| खुद मेक इन इंडिया का नारा देने वाले श्री मोदी अपने कपड़े विदेशी डीजाइनरो द्वारा डिज़ाइन कराते और बनवाते हैं| क्या इससे देश की छवि को नुकसान नहीं पहुचता?
जिस देश मे आज भी लोग खुले मे शौच करने जाते हो,सड़के टूटी हो और परिवाहन मंत्री ये बयान दे की देश के राजमार्गों की देख रेख के लिए पैसे देना उनके बस मे नहीं है , सफाई के लिए अभियान चलाना पड़े , आज भी जिस देश मे लोग फूट्पाथ पर सोते हो , बच्चे स्कूल ना जा पाते हो , रोज सैकड़ो लड़कियो को कोख मे ही मार दिया जाता हो, जिस देश मे स्वास्थ्य सेवा चरमराई हुई हो , जिस देश की आधी जनसंख्या गरीब हो उसी देश का प्रधानमंत्री जो कभी चाय बेचता था , जिसकी माँ घरो मे बर्तन माँजती थी पोछा लगाती थी कुल मिला कर जिसने अपना अधिकांश जीवन गरीबी और गुरबत मे बिताया आज वही लाखो का सूट कोट पहन रहा है कही से भी अच्छा नहीं है| ये उस जनता के पैसे की बरबादी है जो इतनी मेहनत से कमा कर सरकार को टैक्स के रूप मे देती है| मोदी जी से इस देश को बहुत उम्मीदे हैं, इसे बहुत लूटा गया है अब मेरा मोदी जी से सविनय निवेदन है इसे ना लूटे और देश का विकास करे | वो आज के युवाओ के रोल मॉडल हैं आज का युवा उनकी तरफ देख रहा है , उन्हे इसका ध्यान रखना होगा ।
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