फ्रांस के प्रसिद्ध लेखक और
समाजी कार्यकर्ता मिशल फेदो ने
शार्ली एब्दो पत्रिका पर हुए हमले पर
अपनी प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा है कि
"हमें न्याय करना चाहिए , यदि हम आतंकवाद के
खिलाफ हैं और इस्लाम के खिलाफ नहीं हैं
तो फिर मुसलमानों के रसूल मुहम्मद(स) का मज़ाक
उड़ाने का क्या मतलब है? "
फ्रासं के विश्व विख्यात लेखक जार्ज फेदो के
पोते मिशल फेदो ने लिखा है कि " मैं
शार्ली एब्दो के लेखकों से पूछता हूं क्या पैगम्बरे
इस्लाम आतंकवादी थे?! "
उन्होंने कहा है कि " इसी तरह मैं
राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद से
भी पूछता चाहता हूं... शुरुआत किसने की?
क्या हमने शुरू नहीं किया ...
मीडिया द्वारा और सेना द्वारा! पहले
मुसलमानों के पैगम्बर के अपमानजनक कार्टून
प्रकाशित किये और फिर ... उनके
भाइयों को मारने के लिए अपने युद्धक विमान
इराक़ भेजे।"
फ्रांस के इस लेखक ने कहा है कि इराक में हवाई
हमलों में मारे जाने वालों आम
नागरिकों की संख्या, आईएसआईएल के
हाथों मारे जाने वालों से कई गुना अधिक है।
मिशल फेदो ने कहा है, "राष्ट्रपति महोदय! वह
लोग हमारे पास नहीं आए हैं हम उनके पास गये हैं...
अब हमें
उनकी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा..
और परिणाम भुगतने होंगे। "
फ्रांस के इस लेखक और समाजी कार्यकर्ता ने
लिखा है कि मैंने आतंकवादियों के प्रवक्ता के
बयान का अनुवाद सुना है
राष्ट्रपति महोदय जिस पर हमें बहुत अच्छी तरह
ध्यान देना चाहिए।"
Saturday, 17 January 2015
Where Is Justice?
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