Monday 23 March 2015

आतंकवादी

आतंकवादी या आतंकवाद शब्द पहली बार मार्च 1773 से जुलाई 1793 तक फ्रांसीसी होकूमत द्वारा बरपा किये गये 'आतंकी समय' के सकारात्मक रूप मे किया गया यानी की पहली बार आतंकवाद शब्द का प्रयोग सकारात्मक रूप मे हुआ है तथा पहली बार नाकरात्मक रूप से प्रयोग होना शुरू हुआ आयरलैंड मे 1866ई0 मे और 1883 ई0 मे रूस मे यानी की आज जो आतंकवाद की परिभाषा मानी जाती है उसको 1866ई0 मे आयरलैंड से शुरू किया गया वरना आतंकवाद/ आतंकवादी शब्द उससे पहले नफ़रत के काबिल नही समझे जाते थे 1930 से लेकर 1940 तक यूरोप मे यहूदियो के विरुद्ध आतंकवादी शब्द खूब प्रचलित हुआ और इस शब्द के भेंट हज़ारो यहूदियो को चढ़ाया गया वैसे बताता चलु की अभी तक अंतराष्ट्रीय विश्लेषको के नज़दीक आतंकवाद की कोई परिभाषा मान्य नही है क्यूंकी जो शख्स एक समुदाय या देश के लिये आतंकवादी है तो दूसरे के लिये हीरो लेकिन आज मीडिया के ज़ोर पे अमेरिका व यूरोपियन कंट्री दुनिया को हर उस व्यक्ति को आतंकवादी मानने पर बाध्य कर देती है जो उनके विरुद्ध हो भले ही विरोधी देश या समुदाय के नज़दीक वो हीरो हो जैसे की एक समय मीडिया के ज़ोर पे नेल्सन मंडेला को आतंकवादी घोषित किया गया फिर उसे ही शांति का नोबेल इनाम दिया गया साथ मे वो दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपति बना तथा क्यूबा का फिदेल कास्त्रो जो अमेरिका की नज़र मे आतंकवादी है लेकिन सिर्फ़ क्यूबा ही नही बल्कि दर्जनो देशो के करोड़ो लोगो के लिये हीरो से कम नही......

उसकी इज़्ज़त ही नहीं जान के लाले पड़ जायेँ
जिसके पीछे भी तेरे चाहने वाले पड़ जायेँ
फिर जगह कौन सी बचती है ग़रीबों के लिए
मस्जिदों में भी अगर ख़ौफ़ से ताले पड़ जायेँ
ये हवस बारहा बाज़ार में ले आती है
ऐ शिकम तुझमे भी दो-चार निवाले पड़ जायेँ
मैं जहाँ रहता हूँ पत्थर भी नहीं रह सकते
आप कुछ देर ठहर जाये तो काले पड़ जायेँ
बादशाहत की हवस दिल से चली जाती है
आपको महँगे न मिट्टी के ये प्याले पड़ जायेँ
बे गुनाही मेरा इमान है तुझ पर लेकिन
कहीं इन्साफ़ की आँखों में न जाले पड़ जायेँ ।।
      #मुनव्वर_राना

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