ٹی وی چینلوں پر نشر کئے جارہے مفتی الیاس کے اس بیان پر کہ سارے ہندوستانی ہندو ہیں پر اپنا ردعمل ظاہر کر تے ہوئے جمعیت علماء مہاراشٹر قانونی امداد کمیٹی کے سکریٹری جناب گلزار احمد اعظمی نے کہاکہ مفتی الیاس کا جمعیت علماء سے کوئ تعلق نہیں ہے اور نہ ہی ماضی میں کبهی رہا
انہوں نے افسوس ظاہر کرتے ہوئے کہا کہ یہ شخص مولانا عبد السلام خان قاسمی کا حقیقی بڑا بهائ ہےاور جس طرح عبدالسلام قاسمی پچهلے دنوں جمعیت علماء کی جانب انتساب کرکے بی جی پی کی حمایت کرتے رہے اور جمعیت علماء کو اس کی تردید کرنی پڑی اسی نقش قدم پر ان کے بڑے بهائ بهی چل رہے ہیں جمعیت علماء کا اس کے بیان سے کوئ رشتہ ناطہ یں ہے
जमीयत के मुफ्ती का विवादित बयान
जमीयत उलेमा के मुफ्ती मोहम्मद इलियास ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि भगवान शंकर मुस्लिमों के पहले पैगंबर हैं। उन्होंने कहा कि इस बात को मानने में मुसलमानों को कोई गुरेज नहीं है। मौलाना यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि मुसलमान भी सनातन धर्मी हैं और हिंदुओं के देवता शंकर और पार्वती हमारे भी मां-बाप हैं।
उन्होंने आरएसएस के हिंदू राष्ट्र वाली बात पर कहा कि मुस्लिम हिंदू राष्ट्र के विरोधी नहीं हैं। मुफ्ती मोहम्मद इलियास ने कहा कि जिस तरह से चीन में रहने वाला चीनी, अमेरिका में रहने वाला अमेरिकी है, उसी तरह से हिंदुस्तान में रहने वाला हर शख्स हिंदू है। ये तो हमारा मुल्की नाम है। उन्होंने कहा कि जब हमारे मां-बाप, खून और मुल्क एक है तो इस लिहाज से हमारा धर्म भी एक है।
इस दौरान मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास और शनि धाम के महंत हरदयाल शास्त्री के साथ मिलकर आतंकवाद का पुतला फूंका। जमीयत उलेमा का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को अयोध्या आया था।
जमीयत उलेमा 27 फरवरी को बलरामपुर में कौमी एकता का कार्यक्रम करने जा रहा है। इसी कार्यक्रम में अयोध्या के साधु-संतों को भी आमंत्रित करने के लिए प्रतिनिधिमंडल अयोध्या आया था। जमीयत के मुफ्ती इलियास के बयान का विरोध भी शुरू हो गया है। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम ने इसे गलत बताया है।
इस दौरान मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास और शनि धाम के महंत हरदयाल शास्त्री के साथ मिलकर आतंकवाद का पुतला फूंका। जमीयत उलेमा का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को अयोध्या आया था।
जमीयत उलेमा 27 फरवरी को बलरामपुर में कौमी एकता का कार्यक्रम करने जा रहा है। इसी कार्यक्रम में अयोध्या के साधु-संतों को भी आमंत्रित करने के लिए प्रतिनिधिमंडल अयोध्या आया था। जमीयत के मुफ्ती इलियास के बयान का विरोध भी शुरू हो गया है। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम ने इसे गलत बताया है।
फैजाबाद
आईबीएन-7 | 19-Feb 12:13 PM
IBN me bhi ye khabar video ke saath hai
http://m.ibnkhabar.com/news/136655/3/
Lord Shiva was Muslims' first prophet!
'Jamiat Ulema's' Mufti Muhammad Ilyas is being criticized by Muslim groups for saying Lord Shiva was Muslims' first prophet. According to reports, Thursday, 19 February 2015, he also said that all Muslims were the followers of Sanatan Dharma.
“All religions are preaching the same message. We are Indians first and our message is of peace, harmony and brotherhood. The way people in China are called Chinese and in Japan are called Japanese, similarly we are called Hindustani,” Ilyas said.
“India is our birthplace and roots of our religion. Lord Shiva was Muslims' first prophet. Lord Shiva and Goddess Parvati are our creators and parents which is a reality,” he added.
Mufti Mukarram Ahmed, Imam of Fatehpuri Masjid, rejected Ilyas’s statements.
“We don’t accept what he said, it’s completely wrong. It’s no where written in Quran. This could be his political statement,” Mukarram said. A delegation of Jamiat Ulema visited Ayodhya on Wednesday to urge saints to participate in a conference on communal harmony on February 27 in Balrampur, Uttar Pradesh.
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