E Code क्या हैं?
शाकाहारियों को किन E Codes की जानकारी होनी जरूरी है जो पैकेटबंद उत्पादों पर लिखी होती है?
E Code क्या हैं? शाकाहारियों को किन E Codes की जानकारी होनी जरूरी है जो पैकेटबंद उत्पादों पर लिखी होती है?
1 जवाब
Susheel Thakur, Airport Employee (2014 से - अभी तक)
June 14, 2019 को अपडेट किया गया · लेखक के 287 जवाब हैं और जवाबों को 10.6 लाख बार देखा गया है
जय गुरु देव #Be Vegetarian
इन्टरनेट पर दस्तावेज़ों की भरमार है। असंख्य पृष्ठों में न जाने क्या-क्या लिखा गया है, सही भी गलत भी। बहुत सा गलत अज्ञानवश है तो बहुत सारा बदनीयती के साथ भी। न तो हम हर बात को पढ़ सकते हैं और न ही सारे कथनों की जांच की जा सकती है। फिर भी हम सब अपने अपने हिस्से की इतनी ज़िम्मेदारी तो निबाह सकते हैं कि अप्रमाणित जानकारी को कॉपी-पेस्ट करने से बचें। बात की तह में जाकर उसकी असलियत जानने का प्रयास करें। यहाँ, निरामिष ब्लॉग पर हमारी कोशिश यही है कि शाकाहार और अहिंसा से संबन्धित प्रामाणिक जानकारी प्रस्तुत की जाय और शाकाहार संबन्धित भ्रमों का अचूक निवारण किया जाय।
इन्टरनेट के कॉपी-पेस्ट विशेषज्ञों ने विभिन्न शाकाहारी पदार्थों में पशु-वसा होने के बारे में एक बड़ा भ्रम फैला रखा है। एक दूसरे से कॉपी पेस्ट किए गए हजारों वेबपृष्ठों में ऐसा बताया जा रहा है कि किसी भी उत्पाद की सामग्री सूची में यदि अंग्रेज़ी के E अक्षर से आरंभ होने वाली कोई संख्या लिखी है तो इसका अर्थ यह हुआ कि उस पदार्थ में सुअर की चर्बी मिली है। ऐसा प्रचार विशेषकर अमेरिका और यूरोप आधारित बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पादों के बारे में हो रहा है।
उदाहरण के लिए, ऐसी एक पोस्ट पर बताया गया है कि
जहां भी किसी पदार्थ पर लिखा दिखे
E100, E110, E120, E 140, E141, E153, E210, E213, E214, E216, E234, E252,E270, E280, E325, E326, E327, E334, E335, E336, E337, E422, E430, E431, E432, E433, E434, E435, E436, E440, E470, E471, E472, E473, E474, E475,E476, E477, E478, E481, E482, E483, E491, E492, E493, E494, E495, E542,E570, E572, E631, E635, E904 समझ लीजिए कि उसमे सूअर की चर्बी है।
मुख्य मुद्दे पर आने से पहले विषय से संबन्धित कुछ सामान्य जानकारी:
उत्पादों पर छपे ई संख्या (E number) का उद्देश्य उपभोक्ता को उत्पाद में प्रयुक्त सामग्री की सूची प्रदान करना है। यदि उद्देश्य सामग्री की जानकारी छिपाने का होता तो ई संख्या या किसी भी कोड की ज़रूरत नहीं होती। ई संख्या की शुरुआत अमेरिका के भोजन व औषधि प्रशासन संस्थान अर्थात The U. S. Food and Drug Administration (संक्षेप में FDA या एफडीए) द्वारा हुई। एफडीए ने भोज्य पदार्थों में प्रयुक्त सामग्री की सूची तैयार करके जटिल रसायनों को कूटनाम (code names) दे दिये ताकि भोजन, पंसारी, चिकित्सा तथा औषधि व्यवसाय पर कानूनी नज़र रखी जा सके और सामान खरीदने वालों को इस बात की पूरी जानकारी रहे कि वे क्या खा-पी रहे हैं और साथ ही किसी खाद्य पदार्थ के किसी दुष्प्रभाव या एलर्जी आदि की कोई जानकारी प्रकाश में आती है तो उसे जनता तक बखूबी पहुंचाया जा सके और हानिकर पदार्थों को नियंत्रित किया जा सके। यह सारी प्रक्रिया दरअसल, विकसित देशों के उन क़ानूनों का हिस्सा हैं जिनके द्वारा जनता के स्वास्थ्य की देखरेख की जाती है।
ई संख्या द्वारा प्रदर्शित अधिकांश रसायन सामान्य जीवन में प्रयुक्त होने वाले नहीं हैं और उनके जटिल नाम जानना, लिखना, पढ़ना या समझना हम-आप जैसे सामान्यजन के लिए कठिन होता। ई संख्या द्वारा मानकीकरण का एक उद्देश्य इस जटिलता को दूर करना भी है।
बिना जाने हुए हर ई संख्या को सुअर की चर्बी समझने से पहले हमें यह तो सोचना चाहिये कि जिसे जानकारी छिपानी होती वह ईकोड लिखता ही नहीं। वैसे भी यदि सुअर की चर्बी को धोखे से आपके भोजन में डालना होता तो एक नाम ही काफी था इतनी सारी ई-संख्याओं की ज़रूरत नहीं थी। हाँ यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि इन रसायनों में से अनेक का स्रोत जैविक हो सकता है। उनसे अवश्य बचा जाय लेकिन आँख मूंदकर सबको सुअर की चर्बी कहना सही नहीं है। आइये देखें, उपरोक्त उदाहरण में दर्शाई गई कुछ ई संख्याओं की हक़ीक़त:
कूट
नाम
उपयोग
स्रोत
E100
करक्यूमिन
पीला रंग
हल्दी
E110
सनसेट यलो (चेतावनी/प्रतिबंधित)
पीला रंग
पेट्रोलियम
E120
कारमिनिक एसिड
लाल रंग
कोचीनील नामक एक कीड़ा (शाकाहारी नहीं)
E140
क्लोरोफिल
हरा रंग
वनस्पति स्रोत
E141
क्लोरोफिल के ताम्र यौगिक
हरा रंग
वनस्पति स्रोत
E153
ब्रिलिएंट ब्लैक (सीमित/चेतावनी)
काला रंग
प्रयोगशाला
E210
बेंज़ोइक एसिड
संरक्षक(preservative)
वनस्पति गोंद
E213
केल्शियम बेंज़ोएट
संरक्षक(preservative)
वनस्पति गोंद
E214
इथाइल पैराबेन
संरक्षक(preservative)
4-Hydroxybenzoic acid, वनस्पति गोंद व अल्कोहल
E216
प्रोपाइल पैराबेन
संरक्षक(preservative)
प्रयोगशाला; मुख्यतः वनस्पति गोंद; कुछ कीड़ों में भी पाया जाता है
E234
नाइसिन
संरक्षक(preservative)
प्रयोगशाला; दुग्ध; खमीरीकरण
E252
पोटेशियम नाइट्रेट
संरक्षक(preservative)
एक खनिज लवण
E270
लैक्टिक एसिड
संरक्षक(preservative)
प्रयोगशाला; दुग्ध,शर्करा
खाद्य पदार्थों के ई संख्या आधारित अंधविरोध में सच कम झूठ अधिक है। इन सारे प्रचार का आरंभ इस्लामी अतिवादियों द्वारा अमेरिकी कंपनियों के आर्थिक बहिष्कार के उद्देश्य से हुआ था। सबसे पहले कोका कोला के सीक्रेट फार्मूले मे सूअर की चर्बी का प्रचार किया गया। सऊदी अरब से लेकर पाकिस्तान तक फैले इस प्रचार में धीरे-धीरे समझ न आने वाला हर रसायन सूअर की चर्बी बताया जाने लगा। सुअर से मुसलमानों की धार्मिक अस्पृश्यता के मद्देनजर यह बात स्पष्ट है कि इस प्रचार में सुअर की चर्बी का उल्लेख प्रमुखता से हुआ। अतिवादी मुल्लों की देखादेखी न जाने कब हमारे जोशीले भारतीय भी आँख मूंदकर इस प्रचार में कूद गए। स्वतंत्र जोशीलों के साथ इस प्रचार में स्वदेशी आंदोलन जैसे कार्यकर्ताओं का भी प्रभाव रहा।
--------------------------------------------------
- Quora @MIUI| https://hi.quora.com/E-Code-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82-%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%8B
No comments:
Post a Comment