Words are free to use,
But may prove to be very costly if misused.
کوئی ٹی وی صحافی ایک کسان کا انٹرویو لے رہا تھا ...
صحافی: آپ بکرے کو کیا کھلاتے ہیں ... ؟؟
کسان: سیاہ یا سفید کو ... ؟؟
صحافی: سفید کو ..
کسان: گھاس ..
صحافی اور سیاہ کو ... ؟؟
کسان: اسے بھی گھاس ..
صحافی: آپ ان بکریوں کو باندھتے کہاں ہو ... ؟؟
کسان: سیاہ یا سفید کو ... ؟؟
صحافی: سفید کو ..
کسان: باہر کے کمرے میں ..
صحافی اور سیاہ کو ... ؟؟
کسان: اسے بھی باہر کے کمرے میں ...
صحافی اور انہیں نهلاتے کیسے ہو ... ؟؟
کسان: کسے سیاہ یا سفید کو ... ؟؟
صحافی: سیاہ کو ..
کسان: جی پانی سے ..
صحافی اور سفید کو ... ؟؟
کسان: جی اسے بھی پانی سے ..
صحافی کا غصہ ساتویں آسمان پرپہنچ گیا...وہ بولا: یہ کیا بات ہوئی! جب دونوں کے ساتھ سب کچھ ایک جیسا کرتا ہے، تو مجھ سے بار بار یہ کیوں پوچھتے ہو کہ .. سیاہ یا سفید ... ؟؟؟؟
کسان: کیونکہ سیاہ بکرا میرا ہے ...
صحافی اور سفید بکرا ... ؟؟
کسان: وہ بھی میرا ہے ...
صحافی بیہوش ...
ہوش آنے پہ کسان بولا اب پتہ چلا تم کو کہ جب تم ایک ہی خبر کو سارا دن گھما پھرا کے دکھاتے ہو ہم بھی ایسے ہی عاجز اور پریشان ہوتے ہیں...
एक टी.वी. पत्रकार एक किसान का इंटरव्यू ले रहा था...
पत्रकार : आप बकरे को क्या खिलाते हैं...??
किसान : काले को या सफ़ेद को...??
पत्रकार : सफ़ेद को..
किसान : घाँस..
पत्रकार : और काले को...??
किसान : उसे भी घाँस..
पत्रकार : आप इन बकरों को बांधते कहाँ हो...??
किसान : काले को या सफ़ेद को...??
पत्रकार : सफ़ेद को..
किसान : बाहर के कमरे में..
पत्रकार : और काले को...??
किसान : उसे भी बाहर के कमरे में...
पत्रकार : और इन्हें नहलाते कैसे हो...??
किसान : किसे काले को या सफ़ेद को...??
पत्रकार : काले को..
किसान : जी पानी से..
पत्रकार : और सफ़ेद को...??
किसान : जी उसे भी पानी से..
पत्रकार का गुस्सा सातवें आसमान पर, बोला : कमीने ! जब दोनों के साथ सब कुछ एक जैसा करता है, तो मुझे बार-बार क्यों पूछता है.. काला या सफ़ेद...????
किसान : क्योंकि काला बकरा मेरा है...
पत्रकार : और सफ़ेद बकरा...??
किसान : वो भी मेरा है...
पत्रकार बेहोश...
होश आने पे किसान बोला अब पता चला कमीने जब तुम एक ही news को सारा दिन घुमा फिरा के दिखाते हो हम भी ऐसे ही दुखी होते है।
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