Monday 16 May 2016

RO WATER का षड़यंत्र

- विदेशी कंपनियों का ऐसा षड्यंत्र जिससे
आज गाँव भी नहीं बचा । जिस देश में पानी
बेचना पाप माना जाता है आज उस देश में पानी
20 रूपये लीटर बेचा जा रहा है । मशीनों के लिए
प्रयोग होने वाला RO वाटर आज प्रत्येक घरों
में पहुँच चुका है । एक फैशन सा होता जा रहा है
कि हम भी RO WATER पीते हैं इसलिए वीमार
नहीं पड़ेंगे ।
- पानी के अन्दर बहुत सारे मिनरल्स होते हैं
लेकिन जब इनको काटरेज फ़िल्टर से पास
किया जाता है तो बहुत सारे मिनरल्स ख़त्म हो
जाते हैं जैसे- बी-12 ख़त्म हो गया तो आपको
पता भी नहीं चलेगा । 1 लीटर RO WATER
बनाने के लिए 2 लीटर पानी प्रयोग किया जाता
है । 50% पानी WASTE हो जाता है ।
- सामान्यतः मानव के लिए 7 से 7.5 Ph , 200
से 250 TDS , 50 Hardness Vailue का पानी
पीना चाहिए । लेकिन जहाँ पर सप्लाई का पानी
ही 200 TDS, 10 HARDNESS का आ रहा हो
वहां RO का क्या काम है ।
- कोई भी RO वाटर की क्वालिटी मेन्टेन नहीं
करता है , सिर्फ आपको साफ़ पानी देता है और
जो बोतलों में पानी मिलता है उनकी TDS
लगभग 10 के आसपास होती है तथा उसमे
पानी की PH बढ़ाने के लिए व मिनरल्स को
मेन्टेन रखने के लिए केमिकल मिलाया जाता है ।
- जब भी आप बाहर का या नल का पानी पीते है
कुछ ही दिनों में आपके पेट में दर्द रहने लग
जाता है क्योंकि आपके सिस्टम को RO पानी
की आदत पड़ी हुई है ।
- आप 90 % लोंगों से पूंछिये यहाँ तक कि जो
RO बेचते हैं उन्हें भी पूर्ण जानकारी नहीं होती
है कि पानी की गुणवत्ता क्या होती है । पडोसी
के यहाँ RO है तो हमारे यहाँ क्यों नहीं ...
आजकल झूठे विज्ञापनों के प्रचार व भेड़चाल
में पड़कर बिना सोचे समझे RO प्रयोग करते
जा रहे हैं ?
- शहर की बात जाने दीजिये अब तो गाँव में भी
RO पहुँच गया है और हम पूरी तरह RO पर
निर्भर होते जा रहें हैं । उनसे उसकी क्वालिटी
पूंछो तो जबाब नहीं है ।
⏩ अब प्रश्न है.. कौन सा पानी पियें ..?
१. सबसे बेहतर पानी बारिस का होता है । आप
अपने घर में पानी का टैंक बनवाएं और बारिस
के दिनों में अपनी छत पर लकड़ी का कोयला व
चूने को डाल दें जिससे पानी कोयले व चूने से
छनकर आप के टैंक में आये । यह पानी साल भर
ख़राब नहीं होगा । इस पानी को आप साल भर
पीजिये पेट की विमारी नहीं होगी । आवशयकता
होने पर कभी-कभी थोड़ी मात्रा में लाल दवा
( पोटेशियम परमैग्नेट ) या फिटकरी का
प्रयोग कर लें अन्यथा उसकी भी जरुरत नहीं है
। राजस्थान में जहाँ पर पानी की बहुत अधिक
कमी है इसी तरह जल के भंडार को सुरक्षित
रखकर प्रयोग किया जाता है , कोई RO का
पानी नहीं पीता है ।
- देश में कितने प्रतिशत गरीव व झुग्गी में रहने
वाले लोग RO का पानी पीते है ...?
२. वारिश के पानी के बाद गिलेशियर से निकली
हुई नदियों का पानी है जिसमे अधिकतम खनिज
तत्व व गुणवत्ता को पूर्ण करते हैं ।
३. नदियों के जल के बाद तालाव का पानी
जिसमे साफ़ वारिश का जल एकत्रित होता हो
जिसमे गंदगी या जानवर ना नहाते हों ।
४. फिर कुएँ का पानी जिसका सम्बन्ध वारिश
के दिनों में पानी के जलस्तर बढ़ने व घटने से
होता है । कुएं की सफाई बारिश से पहले गर्मियों
के दिनों में बहुत जरुरी है ।
५. कुएं के पानी के बाद सप्लाई का पानी जिसे
साफ़ करके , गुणवत्ता की जाँच-पड़ताल के
बाद भेजा जाता है ।
६. सप्लाई के पानी के बाद सबसे ख़राब पानी
RO का है जिसमे कभी भी शरीर के लिए
आवश्यक खनिज तत्व नहीं मिलते हैं ।
⏩ कुतर्क :- कुछ लोग कहेंगे कि हम तो लगातार
कई वर्षों से RO का पानी पी रहे है हम तो ठीक
है , तो भाई जी आप जरा एक माह गाँव का या
झुग्गी वालों की तरह खा-पीकर देखिये और
अपनी आँतों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता की
जांच कीजिये ।
जल की कठोरता :-
अस्थाई कठोरता( Temporary Hardness )
:-
कैल्शियम और मैग्नीशियम के वाईकर्वोनेट के
जल में रहने के कारण होती है । इस जल को
उबालकर या सोडियम कार्बोनेट मिलाकर
अथवा Clark's Process द्वारा कठोरता दूर
की जाती है ।
स्थाई कठोरता ( Permanent Hardness):-
इस जल को उबाल कर शुद्ध नहीं किया जा
सकता है , इस जल में मैग्नीशियम और
कैल्शियम के क्लोराइड और सल्फेट घुले होने
के कारण इसे सोडियम कार्बोनेट मिलाने से या
Permutit Process द्वारा कैलगन विधि से दूर
किया जाता है ।

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