Tuesday 24 November 2015

दो तरह के आरक्षण

आरक्षण दो तरह के होते हैं। घोषित और अघोषित
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घोषित आराक्षण संवैधानिक है और अघोषित ब्राह्मणवादी।
घोषित आरक्षण का लाभ शिक्षा, सरकारी नौकरी और राजनीति में मिलता है।
बाकी जगहों पर ब्राह्मणों ने अघोषित आरक्षण से अतिक्रमण फैला रखा है।
जैसे: मंदिर, मीडिया-मठ, न्यायालय, भारत रत्न, NGO, उच्च शिक्षा, PMO इंडिया, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड, फिल्म-सिनेमा, प्राइवेट सेक्टर आदि-आदि...
विरोध करना है तो ब्राह्मणों के आरक्षण का विरोध करें। संवैधानिक का नहीं।
संवैधानिक आरक्षण न हो तो, मेरिट के बावजूद पिछडे वर्गों के लोगो को अयोग्य करार दिया जाएगा।

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