मारवाड़ी ब्राह्मण ने 'इस्लाम' पर लिखी किताब, जान से मारने की मिली धमकियां
राजस्थान के एक मारवाड़ी ब्राह्मण युवक इन दिनों पैगम्बर मुहम्मद साहब पर ‘पैगम्बर रो पैगाम’ किताब लिख कर सुर्खियों में है.
झूंझनूं के पास कोल्सिया गांव के रहने वाले इस ब्राह्मण युवक राजीव शर्मा ने पैगमबर मुहम्मद साहब पर किताब लिखी है जिसका नाम है ‘पैगम्बर रो पैगाम’. मारवाड़ी में लिखी इस किताब को लेकर काफी चर्चाएं हैं और किताब को दुनियाभर में काफी सराहा जा रहा है. वहीं, कुछ लोगों से उसे इस किताब को लेकर जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं.
सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन इस मारवाड़ी ब्राह्मण युवक ने मुहम्मद साहब पर यह पूरी किताब लिखी है. और बाकायदा उसे ऑन लाइन लॉन्च भी किया है, जिसे लाखों लोग पढ़ भी चुके हैं.
▶मुहम्मद साहब के जीवन से प्रेरित:
गांव कोल्सिया में गुरुकुल के नाम से अपनी लाइब्रेरी खोलकर जब इस युवक ने गांव के लोगों को पढ़ाई तरफ जागरुक करना शुरू किया तो उस दौरान लाइब्रेरी में मुहम्मद साहब पर भी किताबें आई. किताबों को पढ़ा तो मुहम्मद साहब के जीवन ने राजीव शर्मा को काफी प्रेरित किया बस फिर क्या था. राजीव ने मुहम्मद साहब पर ज्यादा से ज्यादा अध्ययन करना शुरू कर दिया और अध्ययन के 15 साल बाद तय किया वह उन पर एक किताब मारवाड़ी भाषा में लिखेंगे. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके बारे में जान सकें.
गांव कोल्सिया में गुरुकुल के नाम से अपनी लाइब्रेरी खोलकर जब इस युवक ने गांव के लोगों को पढ़ाई तरफ जागरुक करना शुरू किया तो उस दौरान लाइब्रेरी में मुहम्मद साहब पर भी किताबें आई. किताबों को पढ़ा तो मुहम्मद साहब के जीवन ने राजीव शर्मा को काफी प्रेरित किया बस फिर क्या था. राजीव ने मुहम्मद साहब पर ज्यादा से ज्यादा अध्ययन करना शुरू कर दिया और अध्ययन के 15 साल बाद तय किया वह उन पर एक किताब मारवाड़ी भाषा में लिखेंगे. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके बारे में जान सकें.
▶मारवाड़ी में ही लिखा था हनुमान चालीसा.
अपने बचपन से ही पढ़ाई को अपना पैशन बनाने वाले राजीव शर्मा ने सबसे पहले मारवाड़ी में हनुमान चालीसा लिखा था. इसके बाद से ही राजीव अपने लेखन में कुछ न कुछ नया करते रहे हैं.
अपने बचपन से ही पढ़ाई को अपना पैशन बनाने वाले राजीव शर्मा ने सबसे पहले मारवाड़ी में हनुमान चालीसा लिखा था. इसके बाद से ही राजीव अपने लेखन में कुछ न कुछ नया करते रहे हैं.
▶जान से मारने की मिली धमकी:
किताब लिखने के बाद राजीव काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा बहुत से रूढ़ीवादी विचारधारा के लोगों ने सिर्फ राजीव का विरोध किया बल्कि बहुत से लोगों ने राजीव को जान से मारने की भी धमकी दी. राजीव का कहना है कि किसी के जीवन से प्रभावित होने के मतलब यह नहीं है कि आप ने वो धर्म अपना लिया है.
किताब लिखने के बाद राजीव काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा बहुत से रूढ़ीवादी विचारधारा के लोगों ने सिर्फ राजीव का विरोध किया बल्कि बहुत से लोगों ने राजीव को जान से मारने की भी धमकी दी. राजीव का कहना है कि किसी के जीवन से प्रभावित होने के मतलब यह नहीं है कि आप ने वो धर्म अपना लिया है.
राजीव कहते हैं कि लोगों ने मुझे यह भी कहा कि मैंने इस्लाम कुबूल कर लिया है. लेकिन मेरा लोगों को यहीं संदेश था कि लोगों आपस अपने धर्म की अच्छी बातों को शेयर करना चाहिए. एक दूसरे के धर्म को काफी बेहतर तरीके से समझना चाहिए ताकि हम अपने देश में एक बेहतर माहौल बनाकर रह सकें. धर्म के मामले में राजीव का कहना है कि मैं आज भी पूरी तरह से हिंदू हूं. और यह जरूर है कि मैं मुहम्मद साहब के जीवन काफी प्रेरित हूं.
▶कई देशों ने सराहा:
राजस्थान के राजीव शर्मा को लेकर अन्तार्राष्ट्रीय मीडिया में आजकल काफी चर्चाएं हैं. खड़ी देशों से लेकर इंडोनेशिया, अमेरिका और जापान तक में उनके इस प्रयास को सराहने वाले लेख छप रहे हैं. राजीव शर्मा की इस किताब अब तक लाखों लोगों ने पड़ा है और राजीव को रोजाना किताब के बारे में हजारों ईमेल आ रहे हैं. राजीव 15 वर्ष के अध्ययन के कारण उनकी किताब में आज तक किसी ने कोई खामी नहीं निकाली बल्कि सभी लोगो में उनकी किताब को काफी सराहा है.
राजस्थान के राजीव शर्मा को लेकर अन्तार्राष्ट्रीय मीडिया में आजकल काफी चर्चाएं हैं. खड़ी देशों से लेकर इंडोनेशिया, अमेरिका और जापान तक में उनके इस प्रयास को सराहने वाले लेख छप रहे हैं. राजीव शर्मा की इस किताब अब तक लाखों लोगों ने पड़ा है और राजीव को रोजाना किताब के बारे में हजारों ईमेल आ रहे हैं. राजीव 15 वर्ष के अध्ययन के कारण उनकी किताब में आज तक किसी ने कोई खामी नहीं निकाली बल्कि सभी लोगो में उनकी किताब को काफी सराहा है.
▶ऑन लाइन मुफ्त पड़ सकते हैं किताब:
राजीव ने यह यह किताब ऑन लाइन बिल्कुल मुफ्त पढ़ने के लिए मुहैया करवा रहे हैं. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे पढ़ और समझ सकें. खासतौर पर राजस्थानी ओर मारवाड़ी लोग इसे काफी काफी आसानी से पढ और समझ सकते हैं.
राजीव ने यह यह किताब ऑन लाइन बिल्कुल मुफ्त पढ़ने के लिए मुहैया करवा रहे हैं. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे पढ़ और समझ सकें. खासतौर पर राजस्थानी ओर मारवाड़ी लोग इसे काफी काफी आसानी से पढ और समझ सकते हैं.
▶गीता और रामायण को उर्दू में लिखने की चाहत:
राजीव शर्मा ने सिर्फ एक सोच लेकर शुरूआत की थी अब उनकी लेकिन इतने बेहतर नतीजे मिलने से वे काफी उत्साहित हैं और तैयारी कर रहे हैं जल्दी ही गीता और रामायण जैसी धर्म ग्रंथों को उर्दू में लिखना चहाते हैं. ताकि दो समुदायों के बीच चली आ रही नफरत की दीवार को ग्रन्थों के माध्यम से गिराया जा सके.
राजीव शर्मा ने सिर्फ एक सोच लेकर शुरूआत की थी अब उनकी लेकिन इतने बेहतर नतीजे मिलने से वे काफी उत्साहित हैं और तैयारी कर रहे हैं जल्दी ही गीता और रामायण जैसी धर्म ग्रंथों को उर्दू में लिखना चहाते हैं. ताकि दो समुदायों के बीच चली आ रही नफरत की दीवार को ग्रन्थों के माध्यम से गिराया जा सके.
http://m.hindi.news18.com/news/rajasthan/pankaj-written-muhammad-shahab-book-in-marwari-489080.html
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