एक रिपोर्ट के अनुसार India में रोजाना (Daily)
30 लाख जानवर लोग खाने के लिये कत्ल
(Murder) कर देते हैं.
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अगर लोग सिर्फ़ india में 1 साल के लिए मांस
खाना बंद कर दें तो
3000000×365=1095000000
यानि 1 साल में लगभग 100 करोड़ जानवर बच
जाएंगे इसके हिसाब से india में हर इंसान के
साथ एक जानवर होगा .
10 सालों में हर इंसान के साथ 10 जानवर होगे
.
कितना अच्छा होगा फिर
वो हमारी सब्जियां खाएंगे हम भूखे रहेंगे
कोइ बात नहीं india में बहुत से लोग भूखे सोते
हैं हम भी सो जाएंगे .
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30 लाख जानवर रोज कत्ल होते है तो एक जानवर
में 20 किलो मांस निकलता है तो
3000000×20=60000000 Kg.
6 करोड़ किलो मांस रोज निकलता है
एक इंसान 100 gm. मांस खाता है तो 100 gm.
Par head 60 करोड़ लोग मिलकर खाते है .
India में मुस्लिम समुदाय 15 करोड़ (अंदाज)
है ....
45 करोड़ लोग कौन ह ??????? (Hindu, Christians,
Baudhh, Panjabi, etc.)ै
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मुस्लिम 15 करोड़ में भी 80% लोग गरीब है
जो दाल रोटी भी मुश्किल से खा पाते हैं
.
ये खाने वाले लोग कोन है ?
(Hindu, Christians, Baudhh, Panjabi, etc.)
ये सिर्फ़ बड़े जानवर की बात है
.
इसमे मुर्गा , मछली और भी कई चीजें शामिल
नहीं है
.
हमारी Indian Government विदेशी Non Veg
Restaurants को खुद license देते है जिसमें KFC
Mc Donald's, Sub Way, Domino's और भी कई
कंपनियां ये सब non veg dishes बनाते हैं और इन
सब कंपनी को बड़े बड़े hoardings posters और TV
विज्ञापन करने की पूरी आजादी है.
ये कंपनियां रोज लाखों जानवरों को कत्ल कर
देते हैं इनको license हमारी सरकार देती है एक
गरीब आदमी के license के पीछे सारे लोग लग
जाते है बड़ी कंपनी की तरफ से आंख बंद कर
लेते है
.
आज तक ऐसा नहीं हुआ के शाकाहारी लोगों ने
इन बड़ी कंपनियों के खिलाफ आवाज उठाई
हो उठे भी तो कैसे
.
देश चलाने के लिए
शाकाहारी होना जरूरी नहीं है
.
आज हम जानवरों को बचाने (पकड़वाने) की बात
करते है वहीं हजारों लोग शराब और तम्बाकू से
मर रहे हैं
उसके license का विरोध कोइ नहीं करता.
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जीन लोगों को इन्सानों के जान की फिक्र
नहीं है और वो जानवरों की फिक्र करते हैं ?
.
आज जरूरत है इन सब के खिलाफ आवाज उठाने
की लेकिन सबसे पहले मैं कहूंगा "हम सुधरेंगे
युग सुधरेगा"
.
एक कड़वा सच....
दोगलापन छोड़ेंगे तो नफरत और तनाव घटेगा,
बरायकरम सिर्फ एक महीने के लिए कुरैशी जमात
का साथ दे। गोश्त से परहेज करें फायदा हमे
ही होगा इंशाअल्लाह
गोश्त गैर ही जादा तादाद में खाते हैं।
और सहना हम मुसलमानों को पडता है।
इस पोस्ट को आगे बढाते रहे।
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